24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। उदयपुर सांसद मन्नालाल रावत की ओर से माकपा के राष्ट्रीय महासचिव सीताराम येचुरी के निधन पर सोशल मीडिया में अपनी एक पोस्ट में उनके धर्म को ईसाई बताते हुए विषैले वामपंथी द्वारा अपने हिंदू नाम से लोगों को बेवकूफ बनाने और वामपंथी के हिंदू धर्म के दुश्मन होने तथा दूसरी पोस्ट में पूरे परिवार द्वारा इस्लाम मानने व सीमा चिश्ती से विवाह के बाद इस्लाम कबूल करने का लिखने पर माकपा जिला सचिव राजेश सिंघवी ने रावत पर धर्म के आधार पर नफरत फैलाने का आरोप लगाते हुए कहा कि रावत का धर्म जो भी हो, वह उनका व्यक्तिगत मामला है, लेकिन वे इंसानियत को मानने वाले नहीं है और नहीं जन प्रतिनिधि कहलाने लायक है।
सिंघवी ने कहा कि एक तरफ देश के प्रधानमंत्री मोदी उन्हें बेहतर नेता और उनके निधन पर देश को नुकसान होना बताते हुए सीताराम येचुरी के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्ढ़ा उनके पार्थिक शरीर पर श्रद्धांजलि देते हैं लेकिन दूसरी तरफ भाजपा के नीचे के स्तर के नेता इस तरह की विषैली पोस्ट कर जनता को भ्रमित कर देश की एकता और अखंडता को भी नुकसान पहुंचाते हैं। सांसद रावत को यह भी याद होना चाहिए कि भाजपा सरकार ने वर्ष 2017 में इन्ही सीताराम येचुरी को उनकी योग्यता के आधार पर सर्वश्रेष्ठ सांसद चुना था।
सिंघवी ने कहा कि कम्युनिस्ट कभी भी धर्म और जाति की राजनीति नहीं कर आम मेहनतकश जनता की एकता की बात कर उनके अधिकार के लिए संघर्ष करता है। सीताराम येचुरी का जीवन देश की आम जनता के लिए मिसाल है फिर भी दुनिया में नहीं रहने वाले व्यक्ति पर इस तरह की टिप्पणी एक संकीर्ण और विकृत मानसिकता वाला व्यक्ति ही कर सकता है। सिंघवी ने कहा कि सांसद रावत अगर अपनी इस पोस्ट पर माफी नहीं मांगेंगे तो उन्हें कानूनी कार्यवाहियो का भी सामना करना होगा।
सिंघवी ने कहा -सांसद रावत धर्म के नाम पर नफरत फैलाना बंद करें, येचूरी पर अपनी पोस्ट के लिए माफी मांगे नहीं तो करेंगे कानूनी कार्रवाई, पीएम मोदी ने जिनके निधन को देश का नुकसान बताया, उनके लिए रावत कर रहे हैं अनलर्गल पोस्ट

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