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कार्ल मार्क्स की जयंती मनाई : मार्क्स ने मानव मुक्ति और शोषण मुक्त दुनिया का नक्शा दिया – प्रो चंडालियापूंजीवादी तमाम प्रयासों के बाद भी , मार्क्सवाद का विकल्प नहीं दे पाया – सिंघवी

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24 न्यूज अपडेट उदयपुर। भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ( मार्क्सवादी) जिला कमेटी उदयपुर द्वारा कार्ल मार्क्स की 207वीं जयंती पर शिराली भवन में आयोजित विचार गोष्ठी में प्रोफेसर हेमेंद्र चंडालिया ने कहां कि दुनिया भर में पूंजीवादी मीडिया और उनकी सरकारें प्रचार करती है कि मार्क्सवाद असफल होकर खत्म हो गया लेकिन वास्तविकता यह है कि दुनिया आज भी दो भागों में बटी हुई है, एक मार्क्स विरोधी और दूसरा मार्क्स का पक्षधर है। मार्क्सवाद किसी धर्म ग्रंथ जैसा नहीं होकर विज्ञान है जो वंचित और मेहनतकश जनता के लिए गीता, बाइबल, कुरान है । जो लोग समझते हैं कि साम्यवाद का आशय मजदूर और कर्मचारियों का वेतन अधिक बढ़वाना और बड़े धनवानो की संपत्ति को सब में बराबर बटवाना है , वह वास्तव में इस सिद्धांत से अनजान ही है । यदि हम 100 अमीरों से 10 अरब रुपया छीन कर एक करोड़ गरीबों में बाँट दे और व्यापार व्यवसाय की प्रणाली जैसी आज है वैसी ही बनी रहे तो इससे उन गरीबों का कुछ भी फायदा नहीं हो सकता है। दो-चार वर्ष के भीतर ही वह रुपया किसी अदृश्य तरीके से फिर उन गरीबों के हाथ से निकलकर पुराने या नए पूंजीपतियों के पास ही पहुंच जाएगा, इसलिए साम्यवादी संपत्ति के विभाजन की मांग नहीं करते वरन उसका अंतिम लक्ष्य है कि समस्त संपत्ति वह चल या अचल किसी भी रूप में क्यों ना हो, समस्त समाज की समझी जाए और उत्पादन और वितरण का निर्धारण, सामूहिक आवश्यकताओ के आधार पर हो। मार्क्स ने दुनिया को मानव मुक्ति और शोषण मुक्त समाज का नक्शा दिया है। माकपा जिला सचिव राजेश सिंघवी ने कहा कि पूंजीपतियों के पास उनकी फौज ,पुलिस , गोला बारुद, पैसा , व्यवस्था पर कब्जा है फिर भी उन्हें डर है कि एक दिन गरीब लोग उनसे डरना बंद कर देंगे। यही विचार मार्क्सवाद की ताकत को प्रकट करता है । पूंजीवाद दूसरे के नुकसान और शोषण पर आधारित है,वही मार्क्सवाद मानवीयता पर आधारित है और एक दिन ऐसा आएगा जब पूंजीवाद अपनी प्रवृत्ति के कारण 5, 50 करोड़ के मालिक को और छोटे उद्योगपति को भी खत्म कर देगी, पूंजीवाद का नाश का बीज उसके भीतर ही है । इसके चलते आज तक सारे प्रयासों के बाद भी पुंजीवाद, मार्क्सवाद का विकल्प नहीं पेश नही कर पाया है। गोष्ठी में शहर सचिव हीरालाल सालवी ने कहा कि इस दुनिया और हमारे देश में इतनी प्राकृतिक संपदा है जिसका सही तरह से वितरण किया जाए तो इस धरती पर भी स्वर्ग उतर जा सकता है और यह सिर्फ मार्क्सवाद व्यवस्था में ही कर सकती है। वरिष्ठ माकपा नेता प्रताप सिंह देवड़ा ने कहा कि कई लोग मार्क्सवाद के बारे में यह प्रचार करते हैं कि मार्क्सवाद में परिवार खत्म हो जाएगा लेकिन हम उन्हें कहना चाहते हैं कि आज के दौर में कौन सा परिवार एकजुट होकर सुरक्षित बचा है इसलिए मार्क्सवाद में एक विश्वव्यापी परिवार की बात कही है जिसमें सभी संरक्षण संभव होगा। गोष्ठी मे सामाजिक कार्यकर्ता याकूब मोहम्मद ने मार्क्स का जीवन परिचय देते बताया कि उनका जन्म 5 मई 1818 में जर्मनी में हुआ और उन्होंने अपनी उम्र से बड़ी लड़की जेनी से किया। मार्क्स अपने उद्देश्य के लिए इतने समर्पित थे कि उनका जीवन कंगाली में निकला और उनकी 6 संतानों में से तीन संतानों का बीमारी में इलाज न मिलने के कारण देहांत हो गया। आयोजित गोष्ठी को बृजेश चौधरी, मोहम्मद निजाम ,शमशेर खान, रघुनाथ सिंह, अमजद शेख , थाणेर्श्व मीना, मुनव्वर खान आदि ने भी संबोधित किया।

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