श्रमिक दिवस पर कामगारों का किया सम्मान , श्रमिकों को अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहने की जरूरत
24 न्यूज उदयपुर।
श्रमिक दिवस पर जनार्दनराय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी विश्वविद्यालय की ओर से बुधवार को प्रतापनगर स्थित कुलपति सभागार में आयोजित कामगार सम्मान एवं संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. एस.एस. सारंगदेवोत ने कहा कि आज उन लोगों का दिवस है जिन्हांेने हर नामुमकिन को मुमकिन कर दिखाया है। प्रो. सारंगदेवोत ने कहा कि श्रमिकों को शिक्षा की मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से संस्थापक मनीषी पंडित नागर ने आजादी के 10 वर्ष पूर्व 1937 में रात्रिकालीन श्रमजीवी कॉलेज की स्थापना की जिसमें दिन में काम करने वाले श्रमिकों को शिक्षा दी जाती थी। आज हर व्यक्ति जो कार्य करता है वह श्रमिक है, चाहे शारीरिक हो या मानसिक। उन्होंने कहा कि मालिक कम पैसा देकर अधिक कार्य कराना चाहता है, इस मानसिकता को बदलना होगा। कोयले की घुप्प अंधेरी खदानों से लेकर बहुमंजिला ईमारतों की उंचाई तक नापने वाले मजदुर , बडे़-बड़े बांध बनाकर नदियों के रूख को मोड़ने वाले मजदूर, लोहे को पिघला कर बडे-बडे उपकरण बनाने वाले मजदूर, बडी बडी नदियों पर पुल बनाने वाले मजदूर , हमारा आपका बोझ उठाने वाले मजदूर , दुनिया में जब भी किसी व्यक्ति की जरूरत पूरी होती है तो उसमें हजारों मजदूरों का पसीना शामिल होता है, लेकिन आज भी वह मजदूर अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए तरस रहा है, हालांकि कुछ ऐसे लोग भी हुए हैं जिन्होने मजदूरो को उनका हक दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी है। आवश्यकता है केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा जारी योजनाओं का लाभ इन तक पहुंचाने की। जागरूकता के अभाव में इस लाभ से वे आज भी वंचित है।
संगोष्ठी में रजिस्ट्रार डॉ. तरूण श्रीमाली, परीक्षा नियंत्रक डॉ. पारस जैन, प्रो. सरोज गर्ग, डॉ. शैलेन्द्र मेहता, भगवती लाल सोनी, डॉ. आशीष नंदवाना, डॉ. चन्द्रेश छतलानी, डॉ. सपना श्रीमाली, डॉ. गुणबाला आमेटा, निजी सचिव कृष्णकांत कुमावत, जितेन्द्र सिंह चौहान, उमराव सिंह, डॉ. नारायण सिंह राव, प्रताप सिंह, जगदीश सहित कार्यकर्ता उपस्थित थे।
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