कविता पारख
24 न्यूज़ अपडेट निंबाहेड़ा. मेवाड़ के प्रसिद्ध श्री शेषावतार कल्लाजी वेदपीठ एवं शोध संस्थान द्वारा कल्याण नगरी में प्रथम बार वेद एवं गौ सेवार्थ श्रीमद् भागवत कथा महोत्सव का भव्य आयोजन माघ कृष्णा त्रयोदशी से बसंत पंचमी तक कृषि उपज मण्डी समिति परिसर स्थित पुण्य श्लोक लोक माता देवी अहिल्या बाई होल्कर परिसर में आयोजित किया जाएगा। जिसकी सभी आवश्यक तैयारियां अंतिम चरण में हैं। वेदपीठ के पदाधिकारियों ने शुक्रवार को कल्लाजी मंदिर परिसर में आयोजित पत्रकार वार्ता में बताया कि अन्तरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त रामस्नेही सम्प्रदाय के संत रमताराम जी महाराज के परम शिष्य युवाचार्य ओजस्वी एवं प्रखर वक्ता संत दिग्विजयराम जी महाराज के मुखार्विंद से 27 जनवरी से 2 फरवरी तक प्रतिदिन दोपहर 1 बजे से 4.30 बजे तक सप्त दिवसीय भागवत कथा का रसपान कराया जाएगा। उन्होंने बताया कि 27 जनवरी को प्रात: 9 बजे कल्लाजी मंदिर से मण्डी प्रांगण तक भव्य कलश एवं शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो कल्याण चौक, स्वामी विवेकानन्द सर्कल, नूर महल रोड़, कैंची चौराहा, चंदन चौक, परशुराम सर्कल, बस स्टैंड, मण्डी चौराहा होते हुए छोटीसादड़ी मार्ग स्थित कृषि उपज मण्डी के तृतीय द्वार के समीप कथा मंडप में संपन्न होगी। जिसमें 100 गांवों की प्रभात फेरियों के साथ 1100 कलश लिए माता बहने बैंड बाजों, मालवी ढोल, रथ एवं बग्गियों के साथ शामिल होंगे। शोभायात्रा में अश्वरोही वीर-वीरांगनाएं, बटुकों के साथ ही आकर्षक झांकियां एवं ठाकुर जी का सुसज्जित रथ भी शामिल रहेंगे। इस शोभायात्रा का मंदिर से कथा मंडप तक पूरे मार्ग में नगरवासियों, धार्मिक, सामाजिक एवं राजनीतिक संगठनों द्वारा पुष्प वर्षा कर स्वागत किया जाएगा। कलश यात्रा में भाग लेनी वाली महिलाओं को पुनीत कलश ठाकुरजी के प्रसाद स्वरूप धारण करने के साथ ही घर ले जाया जा सकेगा। शोभायात्रा के पश्चात प्रथम दिवस श्रीमद् भागवत का महात्म संत दिग्विजयरामजी द्वारा श्रवण कराया जाएगा। पदाधिकारियों ने बताया कि द्वितीय दिवस 28 जनवरी को कथा के दौरान मंगलाचरण, कुन्ती स्तुति, भीष्म स्तुति, परीक्षित को श्राप तथा सुखदेव मुनि के आगमन, 29 जनवरी को कथा दौरान ध्रुव चरित्र, जड़ भरत कथा, आजामिल उपाख्यान श्रवण करने को मिलेगा। वहीं 30 जनवरी को भक्त प्रहलाद का चरित्र, वामन अवतार के साथ ही श्री राम कृष्ण जन्मोत्सव का भव्य आयोजन होगा। जिसमें झांकियां विशेष आकर्षण का केन्द्र होगी। उन्होंने बताया कि 31 जनवरी को भगवान कृष्ण की बाल लीला, कालिया मर्दन, गोवर्धन पूजा के साथ इन्द्र का मान भंग करने की कथा का अमृतपान संत दिग्विजय राम कराएंगे, जबकि 1 फरवरी को भगवान श्री कृष्ण की महारास लीला, गीत गोपी एवं उद्योग संवाद, कंस वध के साथ ही रूक्मणी मंगल के रूप में भगवान श्री कृष्ण के विवाह प्रसंग का भावनात्मक वर्णन देखने व सुनने को मिलेगा। वहीं कथा के अंतिम व सप्तम दिवस बसंत पंचमी के पावन अवसर पर कथा के दौरान कृष्ण के परम सखा सुदामा चरित्र, नवयोगेश्वर संवाद, यदुवंश को श्राप, श्री कृष्ण के स्वधाम गमन व परिक्षित मोक्ष कथा के साथ विशिष्ट अंदाज में बसंत उत्सव मनाया जाएगा। सप्त दिवसीय कथा के दौरान संत श्री रमताराम जी महाराज के साथ ही अन्य संतों का सानिध्य प्राप्त होगा। वहीं भागवताचार्य दिग्विजयराम जी महाराज एवं रामस्नेही सम्प्रदाय से जुड़े मेवाड़, मालवा, गुजरात एवं देश के अन्य क्षेत्रों से हजारों श्रद्धालु कथा अमृतपान का लाभ उठाने के लिए कल्याण नगरी पहुंचेंगे। दूसरी ओर राष्ट्रीय स्तर पर वैदिक मानचित्र पर अपनी अनूठी छाप रखने वाली कल्याण नगरी एवं ठाकुर श्री कल्लाजी से जुड़े हजारों कल्याण भक्त भी इस कथा में भागीदार बनकर स्वयं को धन्य करेंगे। कथा के दौरान कृष्ण जन्मोत्सव के दिन 30 जनवरी को गिरधारी प्रकाश द्वारा संपादित प्रेमानुरागेश नामक पुस्तक का संतद्वय द्वारा विमोचन कराया जाएगा। कथा के दौरान प्रतिदिन कई मनोहारी झांकियां विशेष आकर्षण का केन्द्र होगी।

