24 न्यूज अपडेट उदयपुर। राजस्थान परिवहन निगम संयुक्त कर्मचारी फेडरेशन की ओर से उदयपुर शहर के रोडवेज़ बस स्टैंड पर प्रदेश प्रतिनिधियों ने कर्मचारियों की बैठक ली। बैठक में प्रदेश के प्रतिनिधियों ने रोडवेज के घाटे में जाने के कारणों पर चर्चा की। इसके साथ ही पेंशनर्स और कर्मचारियों को आ रही परेशानियों के बारे में भी चर्चा की गई। बैठक के बाद उदयपुर आगार के मुख्य प्रबंधक को ज्ञापन दिया गया। इसमें जिन कर्मचारियों की पेन्शन सी.पी.एफ. से ओपीएस की गई, उसका विवरण कर्मचारियों को उपलब्ध करवाया जाए एवं ओपीएस अकाउन्ट नम्बर भी उप्लब्ध करवाया जाए। कार्यशाला में उपलब्ध वाहनों के अनुरूप तकनीकी कर्मचारियों की कमी को देखते हुए जो तकनीकी कर्मचारी पद के अनुरूप कार्य नहीं कर रहे हैं, धरातल पर उसकी जाँच करके पुनः तकनीकी कार्यों में लगाये जाने की मांग की गई। चयनित वेतन मान की आगारीय कमेटी शीघ्र बनाई जाए सहित द सूत्रीय मांगे रखी गई। इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि राजस्थान रोडवेज में चालक वर्ग को छोड़ कर सभी वर्गों के पदोन्नति चैनल बने हुए हैं। गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, हरियाणा, महाराष्ट्र में चालक वर्ग को ट्रेफिक कंट्रोलर, एडीआई टीआई के पद पर पदोन्नत किया जाता है। मगर यहां चालक वर्ग को छोड गया है। इस मुद्दे पर आज राजस्थान रोडवेज की ओर से अभियान चलाया गया है जिसमें सभी 4 हजार चालक प्रमोशन के लिए सीएम को हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन दे रहे हैं। दूसरी मांग यह है कि महिलाओं के लिए दो तरह से आदेश लागू होते हैं, उसमें भेदभाव किया जा रहा है। रोजवेज के स्टेंडिग ऑर्डर में मंत्रालयिक वर्ग की बहनों को पूरी सर्विस में चाइल्ड केयर लीव की 720 छुट्टियां दी जा रही हैं जबकि परिचालक वर्ग की महिलाओं के साथ भेदभाव किया जा रहा है। सरकार परिचालक व तकनीक वर्ग की महिलाओं को चाइल्ड केयर लीव दे। जब तक रोडवेज में करप्शन नहीं रोकेंगे, रोडवेज चलाना असंभव है।
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