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कथनी-करनी में अंतर : बैठक में किए भर्ती परीक्षाएं चाक-चौबंद होने व परीक्षार्थियों के सुविधाओं के दायरे, लेकिन हकीकत में एग्जाम सेंटर पर मोबाइल तक रखने की व्यवस्था नहीं

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24 न्यज अपडेट. जयपुर। राजस्थान में या तो अफसर अपने एसी चेम्बर से बाहर नहीं आते हैं और यदि आते भी हैं तो उनको जमीनी समस्याओं की जानकारी ही नहीं होती है। भर्ती परीक्षआों में नकल रोकने और परीक्षार्थियों की सुविधाओं के दावे आज सीएम के सामने किए गए लेकिन किसी ने नहीं बताया कि बाहर से आने वाले विद्यार्थियों को मोबाइल तक रखने में भारी परेशानी होती है। एक गमछा और मफलर तक रखने के लिए चार्ज वसूल लिया जाता है। जहां परीक्षार्थी अपने साथ कुछ भी नहीं ले जा सकते हैं लेकिन स्कूल या स्कूल के आस पास बैग आदि रखने पर दिया गया टोकन परीक्षार्थी साथ लेकर बैठ सकता है। गरीब और दूर दराज से परीक्षा देने आए गरीब विद्यार्थियों के लिलए बेग आदि रखने पर देय 10 रूपए की रकम भी बहुत भारी पडती है लेकिन इस मसले पर ना तो जन प्रतिनिधि कोई चर्चा करते हैं ना अधिकारी। जबकि दूर दराज से आने वाले बच्चे या बच्ची के पास मोबाइल होना वर्तमान समय की आवश्यकता है। इन्हें स्कूल के अंदर ही निःशुल्क जमा करने की व्यवस्था सरकारी स्तर पर ही होनी चाहिए। अभी स्कूल के बाहर एग्जाम होने पर कई घरों और दुकानों में बैग रखने का धंधा खूब फल फूल रहा है।
टाज जयपुर में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने राजस्थान लोक सेवा आयोग के तत्वावधान में आगामी 2 फरवरी को आयोजित होने वाली राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा एवं राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की फरवरी माह में आयोजित होने वाली विभिन्न परीक्षाओं की तैयारियों के संबंध में मुख्यमंत्री निवास पर विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शिता के साथ संपादित करने के लिए प्रतिबद्ध है और परीक्षाओं का आयोजन पूर्ण सजगता एवं सतर्कता के साथ किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि राजस्थान राज्य एवं अधीनस्थ सेवाएं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-पत्र संग्रहण और वितरण पर विशेष सतर्कता बरती जाए। जिला प्रशासन, पुलिस एवं आरपीएससी परस्पर समन्वय कर बेहतर पर्यवेक्षण और निगरानी के साथ परीक्षा संपादित करें। उन्होंने कहा कि प्रश्न-पत्रों की गोपनीयता एवं सुरक्षा सर्वोच्च होनी चाहिए। उन्होंने परीक्षाओं में अनुचित साधनों का उपयोग ना हो इसके लिए प्रभावी प्रबंधन सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि जिला कलेक्टर और एसपी फरियादी की फरियाद संवदेनशीलता के साथ सुनें एवं उनका त्वरित निस्तारण करें। जनता की समस्या के निदान में लापरवाही और देरी करने पर जिम्मेदारी तय की जाएगी और सख्त कार्यवाही भी की जाएगी। उन्होंने सड़क दुर्घटनाओं पर रोकथाम के लिए प्रभावी कदम उठाने के लिये भी निर्देशित किया। साथ ही, उन्होंने जिला कलक्टर्स को महत्वपूर्ण कार्यां की नियमित समीक्षा करने के लिए भी निर्देशित किया। सीएम ने ने संदिग्ध गतिविधियों में लिप्त रहे और डिबार किये गए परीक्षार्थियों पर निगरानी करने लिए निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि परीक्षा केंद्रों के निकट क्षेत्रों का सघन निरीक्षण भी किया जाए। स्थानीय पुलिस थाना विशेष सतर्कता के साथ कार्य करें। बैठक में आरपीएससी सचिव रामनिवास मेहता ने बताया कि डमी अभ्यर्थियों को परीक्षा में शामिल होने से रोकने के लिए आवेदन पत्र और अटेंडेस शीट पर थंब इम्प्रेशन लेने का नवाचार भी किया गया है।

सुगम आवागमन के लिए बसों की समय-सारणी हो जारी-
मुख्यमंत्री ने परिवहन विभाग को परीक्षार्थियों के सुगम आवागमन के लिए पर्याप्त संख्या में यातायात साधनों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए भी निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा परीक्षा से दो दिन पूर्व एवं पश्चात निःशुल्क आवागमन की सुविधा दी जा रही है। परीक्षार्थियों को सुलभ यातायात के लिए परिवहन विभाग बसों की समय सारणी भी जारी करे। श्री शर्मा ने कहा कि परीक्षा प्रबंधन में लगे कार्मिकों का समयबद्ध प्रशिक्षण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही, उन्होंने परीक्षा केन्द्रों में आवश्यक बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता के लिए भी निर्देशित किया। शर्मा ने कहा कि कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा फरवरी माह में आयोजित होने वाली भर्ती परीक्षाओं एवं राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा 27-28 फरवरी को आयोजित होने वाली राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा के संबंध में विस्तृत चर्चा करते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश प्रदान किए।

एग्री स्टैक के लिए 5 फरवरी से शुरू होंगे शिविर-
मुख्यमंत्री ने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के अंतर्गत हुए एमओयू की विस्तृत समीक्षा करते हुए संबंधित विभागों को समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। शर्मा ने एग्रीस्टैक योजना एवं फार्मर रजिस्ट्री रोल-आउट पर अधिकारियों को मिशन मोड़ पर कार्य करने के लिए निर्देशित किया। बैठक में अवगत कराया गया कि आगामी 5 फरवरी से चरणबद्ध रूप से ग्राम पंचायत स्तर पर फार्मर रजिस्ट्री के लिए कैम्प लगाए जाएंगे। बैठक में प्रत्येक जिले में एक उपज, एक वानस्पतिक प्रजाति, एक उत्पाद, एक पर्यटन स्थल एवं एक खेल पर आधारित पंच-गौरव कार्यक्रम के संबंध में गाइडलाइन के बारे में प्रस्तुतीकरण भी दिया गया। साथ ही, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना, पंचायती राज संस्थाओं के पुनर्गठन, नगरीय निकायों की सीमा वृद्धि, मंगला पशु बीमा योजना, विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास योजना, सांसद स्थानीय क्षेत्र विकास योजना की गहन समीक्षा करते हुए आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किये।
इस दौरान मुख्य सचिव सुधांश पंत, अतिरिक्त मुख्य सचिव (मुख्यमंत्री कार्यालय) शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त मुख्य सचिव गृह आनंद कुमार, पुलिस महानिदेशकयू आर साहू, पुलिस महानिदेशक (इंटेलीजेंस) संजय अग्रवाल सहित विभिन्न विभागों के प्रमुख सचिव एवं शासन सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित रहे। साथ ही, सभी संभागीय आयुक्त, पुलिस महानिरीक्षक, जिला कलक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं विभिन्न अधिकारीगण वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से जुड़े।

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