24 न्यूज अपडेट. जयपुर। जयपुर एयरपोर्ट पर चौंकाने वाली घटना सामने आई जब कस्टम अधिकारियों ने बैंकॉक से जयपुर आने वाली एयर एशिया की फ्लाइट में दो संदिग्ध यात्रियों को डिटेन किया। जांच के दौरान इन यात्रियों के पास से 7 प्लास्टिक डिब्बे बरामद किए गए, जिनमें अलग-अलग प्रजाति के जहरीले सांप, बिच्छू और मकड़ियां पाई गईं। कस्टम अधिकारियों ने मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर कार्रवाई की थी। फ्लाइट लैंड होते ही दोनों यात्रियों को हिरासत में लिया गया और पूछताछ शुरू की गई। शुरुआती पूछताछ में यात्रियों ने दावा किया कि उन्हें नहीं पता था कि डिब्बों में क्या है। कस्टम अधिकारियों ने वन विभाग की टीम को मौके पर बुलाया ताकि जीवों की पहचान की जा सके और उनकी तस्करी के संभावित कारणों की जांच की जा सके। प्रारंभिक जानकारी में यह बात सामने आई कि इन जहरीले जीवों की तस्करी नशे के उद्देश्य से की जा रही थी। नशे के लिए इन जहरीले जीवों का इस्तेमाल बेहद खतरनाक और असामान्य तरीकों से किया जाता है। कस्टम अधिकारियों ने जीवों को वन विभाग की निगरानी में सौंप दिया है। मामले की गहन जांच की जा रही है ताकि तस्करी के पीछे की पूरी साजिश का खुलासा हो सके। नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो भी इस मामले की जांच में सहयोग कर रहा है। इस घटना ने जहरीले जीवों के नशे के बढ़ते चलन को उजागर किया है, जो कानून प्रवर्तन एजेंसियों के लिए एक नई चुनौती बनता जा रहा है।
सांप से डसवाना
सांप का सिर पकड़कर उसे शरीर के इतने करीब लाया जाता है जहां से उसकी जीभ पहुंच सके। फिर हल्का सा टैप करने पर सांप डंक मारता है और जहर छोड़ देता है। शुरुआत में हाथ की उंगलियों या पैर के अंगूठे में डसवाया जाता है। बाद में होठ, जुबान और कान के लोब्स पर भी डसवाने का चलन है। डंक के बाद 10 से 40 सेकंड तक तेज चुभन महसूस होती है, इसके बाद मसल्स में दर्द और नींद आने लगती है। सांप के जहर से बने पाउडर को ड्रिंक्स में मिलाकर पिया जाता है। इसे ’स्नेकबाइट पाउडर’ कहा जाता है।इस पाउडर में कोबरा के जहर का सबसे ज्यादा इस्तेमाल होता है। सांप को बोतल में बंद करके उसके मुहाने पर उंगली या जीभ रखकर डंक मरवाया जाता है।
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