- एग्जाम सेंटरों पर खंगाले दस्तावेज, परीक्षा में ड्यूटी देने वालों का जुटाया लेखा-जोखा
- जहां रूके थे आरोपी, उन होटलों में भी गई एसओजी की टीम, अलसुबह शुरू हुई जांच अब तक जारी
- जयपुर से लीक हुआ था पेपर, उदयपुर में एग्जाम देने आए थे आरोपी
24 न्यूज अपडेट.उदयपुर
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सुशील जैन
उदयपुर। एसआई भर्ती परीक्षा-2021 पेपर लीक प्रकरण की जांच करते हुए आज एसओजी की टीम अलसुबह उदयपुर पहुंची और गुपचुप तरीके से कार्रवाई शुरू की। दल-बल के साथ पहुंची यह टीम अपने साथ उन आरोपियों को भी लेकर आई जिनका एएसआई परीक्षा में सलेक्शन हो गया है मगर वे पेपर लीक को लेकर संदेह के घेरे में हैं। इनमें से कई को जयपुर में ट्रेनिंग सेंटर से ट्रेनिंग के बीच से उठाया गया था। बताया जा रहा है कि जयपुर में अभी 35 से ज्यादा अभ्यर्थियों से गहन पूछताछ चल रही है। इन्होंने कहां से पेपर हासिल किए व एग्जाम देने खुद गए या फिर डमी कैंडिडेट को भेजा, इसकी गहन छानबीन की जा रही है। इसी मामले में आज एसओजी की टीम उदयपुर में सुबह गायरियावास स्थित महावीर एकेडमी में पहुंची। यह स्कूल समाजसेवी राजकुमार फत्तावत का है। बताया जा रहा है कि आरोपियों में से कुछ ने यहां पर एग्जाम दिया था। टीम ने यहां पर करीब आधे घंटे तक प्रिंसिपल सुमन गौड़ से दस्तावेजों पर चर्चा की और पूरी परीक्षा के बारे में पूछा। किसकी ड्यूटी लगाई थी व परीक्षा के दौरान क्या-क्या बंदोबस्त थे, इस पर भी पूछताछ की व डेटा देखे। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सकता कि टीम यहां पर किसी डमी या असली परीक्षार्थी को साथ लेकर आई थी या नहीं। मगर लोगों का कहना है कि कुछ और भी वाहन इस कार्रवाई के दौरान आस-पास खडे देखे गए थे। आपको बता दें कि पेपर जयपुर में लीक हुआ था व उसके बाद वह मोटी रकम देने वालों को बेचा गया था। उदयपुर के सभी एग्जाम सेंटरों की अच्छी साख को देखते हुए इस परीक्षा में यहां के प्रतिष्ठित स्कूलों को एग्जाम सेंटर बनाया गया था तथा वहां पर राजस्थान से बाहर के और संदिग्ध व पेपरलीक के लिए बदनाम कहे जाने वाले जिलों के परीक्षार्थियों को एग्जाम सेंटर दिया गया था। इनमें जालौर, सिरोही, सीकर, बाडमेर आदि जिलों के अभ्यर्थी शामिल थे। उदयपुर में इन परीक्षार्थियों ने परीक्षा तो दी मगर उनके पास पेपर पहले से था। अब पुलिस जयपुर से उन कड़ियों को जोड़ने निकली है जिनके आधार पर अन्य मुजरिमों तक भी पहुंचा जा सकता है। उदयपुर में एसओजी की टीम यह तस्दीक करना चाहती है कि एग्जाम कहां पर दिए। एग्जाम सेंटर पर क्या सुविधाएं और सावधानियों के इंतजाम थे तथा एग्जाम सेंटरों के केंद्राधीक्षकों के पास भी कोई सूचना या क्लू हो तो उसे भी शामिल किया जा सके। महावीर एकेडमी में एसओजी की टीम करीब आधे घंटे तक रूकी।
इसके बार सूत्रों के अनुसार टीम ने सुंदरवास का रूख किया जहां पर संगम इंटरनेशनल स्कूल एक कैंडिडेट को लेकर पहुंची। टीम ने स्कूल का मुआयना करते हुए संचालक से बातचीत की और दस्तावेज देखे। यहां पर एसओजी की टीम दो वाहनों में पहुंची। एक वाहन में दल-बल को स्कूल से थोड़ी दूर खड़ा रखा गया। टीम ने यहां पर भी एग्जाम के बारे में पूछा। बताया जा रहा है कि इस एग्जाम सेंटर पर एग्जाम देने आए एक अभ्यर्थी का सलेक्शन हुआ है जो खुद परीक्षा देने आया था। आरोप है कि इस परीक्षार्थी के पास पहले से पेपर आ गया था व उसके तार जयपुर के पेपरलीक माफियाओं से जुडे होने की आशंका है। एसओजी टीम यहां से रवाना होकर शाम को उन होटलों में पहुंची जहां पर परीक्षार्थी ठहरे थे। वहां पर भी उनके ठहराव व उसके साथ आने-जाने वालों के बारे में रिकॉर्ड तलब करके टीम दस्तावेज अपने साथ ले गई। गौरतलब है कि सारकार के सख्त निर्देश के बाद एसओजी टीम बहुत ही बारीकी से मामले की जांच कर रही है। टीम में कई सीनियर पुलिस अफसर व भी शामिल हैं।
टीम आई थी, दस्तावेज देखे
महावीर एकेडमी के संचालक राजकुमार फत्तावत ने बताया कि एसओजी की टीम आज पेपरलीक मामले में आई थी मगर मुझे इस बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। टीम ने स्कूल में प्रिंसिपल से बात की। स्कूल की प्रिंसिपल सुमन मैडम ने कहा कि पेपरलीक के मामले में टीम आई थी। टीम ने एसआई भर्ती परीक्षा-2021 के दस्तावेजों के बारे में पूछा। एग्जाम ड्यूटी का रजिस्टर चेक किया व उसकी कॉपी ली। इस एग्जाम में ड्यूटी सरकारी अध्यापकों की लगी थी। टीम हमारे यहां पर आधे घंटे तक रूकी। टीम के साथ कौन-कौन था व क्या परीक्षार्थी भी साथ थे या फिर बाहर और कितनी गाड़ियां थीं इस बारे में मुझे कुछ भी नहीं पता। टीम की ओर से हमें कोई नोटिस नहीं दिया गया है। दूसरे स्कूलों में कहां-कहां गए, इस बारे में हमें जानकारी नहीं है।
एग्जाम सेंटरों के पास नहीं है ज्यादा दस्तावेज
इस परीक्षा के सभी दस्तावेज परीक्षा एजेंसी आरपीएससी के पास हैं। एग्जाम सेंटरों के पास केवल एग्जाम ड्यूटी से जुडे दस्तावेज ही हैं क्योंकि आरपीएससी की ओर से ही परीक्षा करवाई गई थी। इसमें सरकारी अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई थी। जांच करने के लिए पुलिस का जाब्ता तैनात किया गया था। सरकारी स्तर पर फ्लाइंग आई थी। पेपर भी एग्जाम से 20 से 25 मिनट पहले ही एग्जाम सेंटरों पर पहुंचे थे और तब तक सभी परीक्षार्थी अपने-अपने परीक्षा कक्षों में बैठ चुके थे। उदयपुर में करवाई गई परीक्षा के दौरान ड्यूटी देने वालों का कहना है कि यहां पूरा काम पारदर्शिता से हुआ। पेपर आते ही अभ्यर्थियों के हस्ताक्षर के बाद सील खोली गई और तुरंत गिनती के बाद उनका वितरण कर दिया गया क्योंकि परीक्षा शुरू होने से थोड़ी देर पहले ही पेपर सेंटरों तक पहुंचा था। एग्जाम के लगभग सभी दस्तावेजों को एग्जाम के बाद सीलबंद करके पुनः एग्जाम अथॉरिटी को सौंप दिया गया था। ऐसे में केवल एग्जाम ड्यूटी संबंधी दस्तावेज ही एग्जाम सेंटरों पर उपलब्ध हैं। उसमें भी कई एगजम सेंटरों पर तो वह भी उपलब्ध नहीं है क्योंकि परीक्षा हुए तीन साल होने आ रहे हैं।
एसआई की डिग्रियां फर्जी, जयपुर में ही कैंडिडेट से करवाए 32 हस्ताक्षर
एसआई भर्ती परीक्षा-2021 में 23 चयनित एसआई की शैक्षणिक डिग्रियां भी फर्जी होने की आशंका है। जयपुर में एसओजी ने गिरफ्तार हुए सभी 14 परीक्षार्थियों के शैक्षणिक दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी है। इस दौरान चौंकाने वाला मामला सामने आया है। कुछ की तो डिग्रियों के रिकॉर्ड में ही हेरफेर करना सामने आया है। अब तक एसओजी ने 40 ऐसे परीक्षार्थियों को चिह्नित किया है व जांच में 23 एसआई की डिग्रियां फर्जी निकली हैं।एसओजी अब इन सबके अन्य दस्तावेजों की भी जांच कर रही है। इधर, एफएसएल की टीम ने गिरफ्तार 14 एसआई के हस्ताक्षर और उनके राइटिंग संबंधी दस्तावेजों को खंगाला है। बताया जा रहा है कि जयपुर में जांच के दौरान परीक्षार्थियों से खुद के 32 हस्ताक्षर करने को कहा गया ताकि उनकी फोरेंसिंक जांच की जा सके। उनसे उनकी राइटिंग में पैराग्राफ भी लिखवाया जा रहा है। इसके अलावा ओएमआर शीट, परीक्षा का उपस्थित रजिस्टर, उनकी ओर से परीक्षा के उपस्थिति फॉर्म पर किए गए सभी हस्ताक्षरों की जांच के लिए हैंड राइटिंग के नमूने जुटाए जा रहे हैं।
2010 की भर्ती में भी हुई थी धांधली
मई 2011 में आरपीएससी की ओर सेएसआई भर्ती परीक्षा 2010 हुई थी। इस परीक्षा में भी आरोप लगे थे कि जगदीश विश्नोई की गैंग ने जमकर नकल करवाते हुए धांधली कर कइयों का बेडा पार करवा दिया। इसके बाद प्लाटून कमांडर में जो 138 एसआई चुने गए थे उनके हाव भाव देखते हुए कई सवाल उठे थे। इस मामले में भी विश्नोई गैंग का नाम आया था, विश्नोई को गिरफ्तार किया था व पूछताछ में पता चला कि ब्लूटूथ गैंग भी सक्रिय है। तब भी एसओजी ने कोई एक्शन नहीं लिया व मामला दबा दिया गया। इसके पीछे किसका हाथ था यदि यह सामने आ जाए तो राजस्थान में राजनीतिक भूचाल आ जाए।
महिला अभ्यर्थी भी थी साथ – इधर, सूत्रों से पता चला है कि एसओजी अपने साथ एक महिला अभ्यर्थी को भी लेकर आई जिसको एग्जाम सेंटर पर ले जाकर तस्दीक करवाई गई। इस महिला अभ्यर्थी के साथ पुलिस का महिला जाप्ता भी मौजूद था। होटल में पेपर सॉल्व करने का अंदेशा इधर एसओजी ने उदयपुर की जिन होटलों में जांच की वहां पर अंदेशा है कि नकलचियों के पास पहले से ही पेपर आ गया था व उन्होंने उन्हीं होटलों में बैठकर पेपर को सॉल्व किया था।

