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उप राष्ट्रपति धनखड़ पहुंचे मातृकुंडिया, बोले- किसान देश की आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ हैं और उन्हें नई तकनीकों को अपनाना चाहिए

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24 न्यूज अपडेट. चित्तौड़गढ़। उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने चित्तौड़गढ़ के मातृकुंडिया में जाट समाज के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने अखिल मेवाड़ क्षेत्रीय जाट महासभा को संबोधित किया और 25 साल पहले इसी धरती से सामाजिक न्याय की लड़ाई की शुरुआत की यादों को साझा किया। धनखड़ ने कहा कि 1999 में इस स्थान से जाट और अन्य जातियों को आरक्षण दिलाने की लड़ाई शुरू की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप आज कई लोग प्रशासनिक पदों पर हैं। उन्होंने सामाजिक योगदान के महत्व को भी रेखांकित किया। उप राष्ट्रपति ने किसानों को कृषि अनुसंधान केंद्रों से जुड़ने और अपने उत्पादों को व्यापार से जोड़ने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि किसान देश की आर्थिक व्यवस्था की रीढ़ हैं और उन्हें नई तकनीकों को अपनाना चाहिए ताकि वे आत्मनिर्भर बन सकें। उन्होंने मातृकुंडिया के आंदोलन को दुनिया के लिए एक मिसाल बताया, जहां बिना हिंसा के सामाजिक न्याय की लड़ाई लड़ी गई। धनखड़ ने किसानों को अपने उत्पाद की मूल्य वृद्धि और पशुधन की ओर ध्यान देने का आग्रह किया। उन्होंने सहकारिता के माध्यम से कृषि क्षेत्र में भागीदारी बढ़ाने की बात कही।
जीनगर से कहा-आप पर उम्र का असर नहीं दिखता
उन्होंने मंच पर मौजूद नेताओं और समाज के पदाधिकारियों की सराहना की। कपासन विधायक अर्जुन लाल जीनगर के लिए हंसते हुए कहा कि वे 1993 से साथ हैं लेकिन उन पर उम्र का असर नहीं दिखता। मातृकुंडिया में पूजा अर्चना करते हुए धनखड़ ने इसे एक पवित्र स्थान बताया और कहा कि यहां लिए गए संकल्प हमेशा फलीभूत होते हैं। उन्होंने शिव आराधना और परशुराम जी की कथाओं का उल्लेख भी किया। धनखड़ के संबोधन ने किसानों के सशक्तिकरण, सामाजिक न्याय और तकनीकी प्रगति की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाया

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