राजस्थान के नगरीय निकायों के पास सड़क का लेवल निर्धारित करने का मापदंड नहीं, मनमाफिक तौर पर बढ़ा रहे सड़कों का लेवल
रिपोर्ट -जयवंत भैरविया –
24 न्यूज अपडेट उदयपुर। आज सुबह से हो रही तेज बारिश ने स्मार्ट सिटी की स्मार्टनेस की पोल खोल दी है। साथ ही स्थानीय निकायों के अभियंताओं के अभियांत्रिकी ज्ञान का प्रमाण पत्र भी शहर के विभिन्न क्षेत्रों में होने वाले जलभराव और आयड़ नदी के सौंदर्यीकरण कार्य ने दे दिया है। स्थानीय निकायों नगर निगम , यूडीए और पीडब्ल्यूडी की ओर से होने वाले कई विकास कार्य या निर्माण कार्य कुछ ऐसे हैं जो शहर के आम नागरिकों की परेशानी बढ़ाने के साथ ही पैसे की बर्बादी कर रहे हैं। स्मार्ट सिटी मिशन में उदयपुर शहर में पिछले कुछ सालों में बुनियादी ढाँचों का तेजी से विकास किया गया है। इसमें भूमिगत बिजली , पानी एवं अन्य संचार माध्यमों, सीवर लाइनों को बिछाते हुए सीमेंट कंक्रीट की सड़कों का जाल बिछाया गया है। लेकिन इस बात का बिल्कुल ध्यान नहीं रखा गया है कि सडक जिस गली में बन रही है वहां पर मकानों का मौजूदा प्लिंथ लेवल कितना है? शहर कोट की बाहरी कॉलोनियों में भी यही हालत है। सड़क निर्माण एवं मरम्मत के दौरान सड़कों का लेवल नहीं देखा जा रहा, बस यहां टेंडर मिला, वहां फटाफट काम निपटाया जा रहा है, बेतरतीब ढंग से सडक का लेवल बढ़ाया जा रहा है। एक सडक बनती है, उस पर फिर नई बन जाती है। लोग देखते ही रह जाते हैं और पता चलता है कि मकान की कुर्सी नीचे रह गई, सड़क मकान की छाती तक आ जाती है। कइ्र्र बार तो मकान की उपरी मंजिल को भी पार कर जाती है। इसकी वजह से उस क्षेत्र के निवासियों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। लाखों रुपए का प्लॉट खरीद कर एवं लाखो रुपए खर्च कर मकान बनाया जाता है, सड़क सतह से पर्याप्त कुर्सी तल रखा जाता है लेकिन कई वर्षों में सड़क का लेवल इतना उँचा हो जाता है कि सड़क मकान के प्लिंथ लेवल/कुर्सी तल से ऊंची हो जाती है और वर्षा के दिनों में सड़क का पानी मकानों के अंदर घुसने लग जाता है। जयपुर में कुछ दिनों पहले विद्यानगर इलाके के ध्वज नगर इलाके में हुई एक घटना में 3 लोगों की मौत हो गई ,सड़क का लेवल कुछ सालों में इतना हो चुका था कि 2 मंजिला मकान बेसमेन्ट बन गया और बेसमेंट में पानी भरने से 3 जान चली गई। शहर चाहे जयपुर हो ,जोधपुर हो या फिर उदयपुर सभी जगह यही हाल है, भवन निर्माण के मानक है लेकिन सड़क लेवल निर्धारित करने के मानक किसी भी निकाय के पास नही है। सूचना के अधिकार के जरिये जब जयपुर विकास प्राधिकरण के 3 विभागों से सड़क के लेवल के सम्बंध में सूचना मांगी गई तो चोंकाने वाले जवाब मिले। हमारा मकसद ये था कि पता चल सके कि आखिर किस शहर में सडक के लेवल के क्या मापदंड तय कर रखे हैं। सड़कों पर सड़कें बनाए जा रहे हैं जबकि असल में सड़कों को खोद कर लेवल मेंटेन रखते हुए नई सडकों का निर्माण करना है। स्थानीय निकायों द्वारा सड़को के लेवल को प्रतिवर्ष बढ़ाया जा रहा है जबकि उच्च न्यायालय व माननीय सुप्रीम कोर्ट ने अपने विभिन्न निर्णयों में पारित किया है कि किसी भी विकसित कॉलोनी में सड़क का लेवल बढ़ाया नही जा सकता, सड़क का पुनर्निर्माण या मरम्मत करते समय पुरानी सड़क को खुरच कर उसी लेवल में ही बनाया जाना आवश्यक है। शहरवासियों व स्थानीय निकायों को जानकारी के अभाव में या फिर सड़क निर्माण कार्यो में होने वाले भारी कमीशन के खेल के कारण शायद जानबूझकर आम इंसान की समस्याओं को बढ़ाकर सड़को का लेवल उँचा कर दिया जाता है।
आर टी आई आवेदन में चाही गई सूचना
(1) शहर की आपके विभाग के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाली कॉलोनियों में सड़क का उच्चतम लेवल निर्धारित करने वाले मानकों की सत्यापित सूचना प्रदान की जाए
(2) शहर की आपके विभाग के क्षेत्राधिकार के अंतर्गत आने वाली कॉलोनियों में मकान बनाये जाने हेतु अधिकतम निर्धारित कुर्सी तल की सूचना प्रदान की जाए
(3) शहर की आपके विभाग के क्षेत्राधिकार में आने वाली कॉलोनियों में मकान बनाने से पूर्व सड़क के अधिकतम संभावित लेवल की जानकारी हेतु अधिककृत अधिकारी के नाम व पदनाम की सूचना प्रदान की जाए
(4) शहर की आपके विभाग के क्षेत्राधिकार में आने वाली कॉलोनियों में बने हुए मकानों की कुर्सी तल से सड़क का लेवल ऊपर करने हेतु आपके निकाय द्वारा तय मानकों की सूचना प्रदान की जाए
(5) शहर की आपके विभाग के क्षेत्राधिकार में आने वाली उन कॉलोनियों की सूची जिनमे सड़क तल, मकानों के कुर्सी तल निर्धारित करने वाले मोटाम, सूचना पट्ट, साइन बोर्ड लगवाए गए है उन सभी की सत्यापित सूचना प्रदान की जाए।
जयपुर विकास प्राधिकरण को भी नहीं पता कि क्या होना चाहिए सड़क का लेवल
दिनाँक 28 फरवरी 2023 को जयपुर विकास प्राधिकरण के मुख्य नगर नियोजक ( मास्टर प्लान ) को आर टी आई के जरिये सूचना मांगी गई । उन्होंने सूचना को मुख्य नगर नियोजक ( भवन मानचित्र समिति ) व अभियंत्रिकी शाखा से सम्बंधित होना बताया , जिसके बाद मुख्य नगर नियोजक ( भवन मानचित्र समिति ) ने जवाब दिया बिंदु संख्या 1 से 4 की सूचना सृजित नही की जा सकती एवं अभियांत्रिकी शाखा ने जवाब दिया कि उनके विभाग में कोई लोक सूचना अधिकारी नही है।
दिनाँक 16 मई 2023 को जयपुर विकास प्राधिकरण के उप निदेशक (विधि ) के विभाग में चाही गई सूचनाएं प्राप्त करने के लिये आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसके बाद उन्होंने सूचना को निदेशक (अभियांत्रिकी ), तकनिकी सहायक व निदेशक ( नगर आयोजना ) एवं अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक (भवन मानचित्र समिति ) से सम्बंधित होना बताया जिसके बाद तकनिकी सहायक व निदेशक ( नगर आयोजना ) ने उपनिदेशक विधि को जवाब दिया कि बिंदु संख्या 2 की सूचना भवन विनियम 2020 में उपलब्ध है एवं बिंदु संख्या 1,3,4 व 5 आप स्वयं सम्बंधित लोक सूचना अधिकारी से प्राप्त कर आवेदक को उपलब्ध करावे , अतिरिक्त मुख्य नगर नियोजक ( भवन मानचित्र समिति) ने जवाब दिया पूर्व में सूचना दी गई है जिसमे बताया गया है कि चाही गई सूचनाएं सृजित नही की जा सकती दिनाँक 1मार्च 2023 को जयपुर विकास प्राधिकरण के उपायुक्त (प्रशासन ) को आर टी आई आवेदन प्रस्तुत किया गया जिसके बाद उन्होंने सूचना वरिष्ठ नगर नियोजक ( भवन मानचित्र समिति ) व अभियांत्रिकी शाखा से सम्बंधित होना बताया। वरिष्ठ नगर नियोजक ने जवाब दिया कि बिंदु संख्या 1 से 4 की सूचना अभियांत्रिकी शाखा से सम्बंधित है और बिंदु 5 की सूचना सृजित नही की जा सकती , अधिशासी अभियंता ( अभियंत्रिकी प्रथम ) ने जवाब दिया कि चाही गई बिंदुओं की सूचना सृजित नही की जा सकती।
जोधपुर विकास प्राधिकरण को भी नहीं पता कि सड़क कितनी उंची होनी चाहिए
जोधपुर विकास प्राधिकरण (दक्षिण ) में सूचना के अधिकार के अंतर्गत आवेदन करने पर उन्होंने सूचना को पी डब्ल्यू डी से संबंधित होना बताया , इसी सूचना को पी डब्ल्यू डी ने नगर निगम निगम व जोधुपर विकास प्राधिकरण के पास होना बताया, जोधपुर विकास प्राधिकरण (उत्तर ) ने बिंदु संख्या 1,3,4,5 की सूचना को अभियांत्रिकी शाखा में उपलब्ध होना बताया जिसके बाद जोधपुर विकास प्राधिकरण की अभियांत्रिकी शाखा ने सूचना किसी भी रूप में संधारित नही की गई है ,बताकर पल्ला झाड़ लिया।
उदयपुर के इंजीनियर बड़े महान, विकास प्राधिकरण का हास्यास्पद जवाब
(1) बिंदु संख्या 1 के जवाब में बताया कि सडक का उच्चतम लेवल मौके की स्थिति व सड़क के ढलान को देखकर निर्धारित किया जाता है।
(2) बिंदु संख्या 2 की सूचना भवन विनियम 2020 में दर्ज होना बताया
(3) बिंदु संख्या 3 के जवाब में बताया कि किसी भी कॉलोनी में मकान बनाने से पूर्व सड़क का अधिकतम संभावित लेवल बताने वाला यूडीए में कोई अधिकारी अधिकृत नही है
(4) बिंदी संख्या 4 के जवाब में बताया कि सड़कों का लेवल मकानों के कुर्सी तल से ऊपर ले जाने के कोई मानक नही है, मौके की स्थिति के अनुसार लेवल निर्धारित किये जाते है।
(5) बिंदु संख्या 5 के जवाब में सड़क का लेवल निर्धारित करने वाले कोई भी मुटाम, सूचना पट्ट या साईंन बोर्ड किसी भी कॉलोनी में नही लगे होना बताया गया।
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