24 न्यज अपडेट उदयपुर। पुलिस अपने ही अफसरों के आदेशों को नहीं मानती है क्योंकि उसे पता है कि यदि मान लिया तो पोल खुल जाएगी। मामला सीसीटीवी फुटेज को परिवादी को देने का है। जैसे ही परिवादी ने फुटेज मांगे, वेसे ही पुलिस को खुद की बनाई नियमावली याद आ गई, कहा कि ऐसा कोई आदेश नहीं है। जबकि स्टेट क्राइम ब्यूरो के अफसर की ओर से आरटीआई के जवाब में कहा गया है कि थानों के स्तर पर ही, जिला स्तर पर ही सूचनाएं और सीसीटीवी फुटेज देने हैं। पुलिस ऐसा क्यों करती है यह तो पुलिस ही बता सकती है लेकिन पुलिस की इस आनाकानी से जनता में यह परसेप्शन जाता है कि कहीं दाल में कुछ काला तो नहीं, कुछ छुपया तो नहीं जा रहा। यदि ऐसा है तो गंभीर विषय है व अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए। यदि थानों की सीसीटीवी फुटेज परिवादी को ही नहीं दी जाएगी तो फिर उसके होने या नहीं होने का औचित्य ही क्या है। ट्रांसपरेंट और जनता के हक की पुलिसिंग की बार-बार दुहाई देने की जरूरत ही क्या है?
समाजसेवा व देश के जाने-माने आरटीआई एक्टिविस्ट जयवंत भैरविया की आरटीआई व उससे मिले जवाबों से ये सवाल उठते हैं। भैरविया ने बताया कि पुलिस प्रशासन द्वारा हाल ही में आर टी आई के अंतर्गत दिये जवाब ने आई जी शरत कविराज के महत्वपूर्ण आदेश को अपने पास संधारित होने से इनकार कर दिया है। अपने ही विभाग के उच्चाधिकारी द्वारा दिए गए इस आदेश के होने से इनकार करना या तो बहुत बड़ी लापरवाही है या फिर जानबूझकर इस आदेश के होने से इनकार किया जा रहा है। आदेश के छिपाए जाने या विभाग में किसी भी रूप में संधारित / उपलब्ध न होने का बहाना बनाने के कई कारण भी हैं। पिछले काफी समय से पुलिस हिरासत में हुई मौतों एवं पुलिस थाने से निजी कार में एक महिला को उठाने की घटनाएं सामने आईं जिसमे पुलिस की भूमिका पर भी सवाल उठते है। आर टी आई के अंतर्गत सूचना आयोग के आदेश में भी थानों के अंतर्गत सीसीटीवी फुटेज देना अनिवार्य है लेकिन उदयपुर के कुछ पुलिस थाने अपने ही थाने में घटित घटनाओं जिनमे पुलिस के ही कुछ कर्मियों के शामिल होने की संभावना सामने आती है, फिजूल के बहाने बना फुटेज देने से इनकार कर रही है। या तो इनकार करने वाले पुलिस अधिकारी आई जी शरत कविराज के आदेशों का सम्मान नहीं करते या फिर अन्य कोई मजबूरी है। खैर उदयपुर पुलिस द्वारा इंकार किये जाने पर जब पुनः स्टेट क्राइम रिकार्ड्स ब्यूरो से आर टी आई के अंतर्गत जारी आदेश से उदयपुर पुलिस को दी गई छूट से सम्बंधित सूचना माँगी गई जवाब में बताया गया कि दिनाँक 16 नवंबर 2023 को राज्य के सभी जिलों के पुलिस अधीक्षकों को आदेश जारी किए गए थे जिनमें उदयपुर पुलिस भी शामिल है, अब मात्र 9 महीने पुराने आदेश को संधारित होने से इंकार करना आई जी साहब के आदेशों की तौहीन ही मानी जाएगी। यदि ईमानदारी से सीसीटीवी फुटेज देने लग गए तो कुछ पुलिस कर्मियों जिनमे अधिकारी भी शामिल है, उन पर गाज गिर सकती है।
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