24 न्यूज अपडेट, नेशनल डेस्क। अयोध्या के श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास की तबीयत अचानक बिगड़ने से उन्हें लखनऊ के संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज में भर्ती कराया गया है। डॉक्टरों के अनुसार उन्हें ब्रेन हेमरेज हुआ है और उनकी स्थिति गंभीर बनी हुई है।
रविवार देर रात तबीयत बिगड़ने पर उन्हें पहले अयोध्या के सिटी न्यूरो केयर हॉस्पिटल ले जाया गया, लेकिन हालत नाजुक होने के कारण डॉक्टरों ने लखनऊ रेफर कर दिया। एम्बुलेंस से उन्हें लखनऊ लाया गया, जहां च्ळप् के न्यूरोलॉजी विभाग की इमरजेंसी यूनिट में भर्ती किया गया है।
डॉक्टरों की निगरानी
आचार्य सत्येंद्र दास के स्वास्थ्य पर एक विशेष चिकित्सकीय टीम नजर रख रही है। फिलहाल ऑपरेशन की कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। राम जन्मभूमि मंदिर के सहायक पुजारी प्रदीप दास उनके साथ मौजूद हैं। उन्होंने बताया कि आचार्य जी की हालत स्थिर नहीं है और डॉक्टर लगातार प्रयास कर रहे हैं।
आचार्य सत्येंद्र दास के स्वास्थ्य लाभ के लिए मंदिर के पुजारियों और भक्तों ने हवन और प्रार्थना शुरू कर दी है। मंदिर प्रशासन ने कहा है कि सभी धार्मिक अनुष्ठान सहायक पुजारियों की देखरेख में सुचारू रूप से जारी रहेंगे।
आचार्य सत्येंद्र दास का जीवन परिचय
- प्रारंभिक जीवनः
संत कबीरनगर में जन्मे आचार्य सत्येंद्र दास बचपन से ही अयोध्या आते-जाते थे। उनके गुरु श्री अभिराम दास ने 1949 में राम जन्मभूमि गर्भगृह में मूर्तियां स्थापित की थीं। सत्येंद्र दास ने जीवनभर संन्यास और धार्मिक सेवा को अपनाया। - शिक्षा एवं अध्यापनः
1975 में उन्होंने संस्कृत विद्यालय से आचार्य की डिग्री प्राप्त की। 1976 में अयोध्या के संस्कृत महाविद्यालय में सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्त हुए। - रामलला के मुख्य पुजारी नियुक्तिः
1992 में तत्कालीन पुजारी लालदास को हटाने के बाद सत्येंद्र दास को मुख्य पुजारी बनाया गया। यह निर्णय भाजपा सांसद विनय कटियार, विहिप नेता अशोक सिंघल और संत समाज की सहमति से लिया गया था। - मंदिर की सेवाः
मुख्य पुजारी बनने के बाद से उन्होंने चार सहायक पुजारियों की नियुक्ति की। मंदिर के अनुष्ठान और पूजा-पाठ को सुचारू रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
परिवार और समाज में योगदान
सत्येंद्र दास के परिवार में अब केवल उनके भाई हैं। उन्होंने संन्यासी जीवन अपनाने के बावजूद त्योहारों और धार्मिक उत्सवों पर घर जाना जारी रखा।
भक्तगण उनके शीघ्र स्वस्थ होने की कामना कर रहे हैं। मंदिर प्रशासन ने स्थिति पर नजर बनाए रखी है।

