24 न्यूज अपडेट उदयपुर। आज अमर शहीद कुंवर प्रतापसिंह बारहठ की 132वीं जंयती है। महान क्रांतिवीर केसरीसिंह बारहठ व माता माणिक्य कंवर के पुत्र केसरीसिंह बारहठ 24 मई 1893 को भीलवाड़ा शाहपुरा के पास देवपुरा गांव में हुआ था। 1912 में लार्ड हॉर्डिंग की बग्घी पर बम फेंकने के बनारस कांड में वे जेल गए। बरेली जेल में अमानवीया यातनाएं दी गईं। बरेली जेल में चार्ल्स क्लीवलैंड ने घोर यातनाएं दी ओर कहा – “तुम्हारी माँ रोती है “ तो इस वीर ने जबाब दिया – “ में अपनी माँ को चुप कराने के लिए हजारों माँओं को नहीं रुला सकता। “ और किसी भी साथी का नाम नहीं बताया। 7 मई 1918 को जेल में ही अंग्रेजों की कठोर यातनाओं से वे शहीद हो गये। ऐसे अमर शहीद को आज मेवाड़ चारण महासभा द्वारा याद किया गया। स्वतंत्रता संग्राम में आहुति देने वाले अमर शहीद कुंवर प्रताप सिंह बारहठ की जयंती पर रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया। आयोजकों ने बताया कि मेवाड़ चारण महासभा पिछले 14सालों से बारहठ की जयंती को मानती आ रही है। इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगो को कुंवर प्रताप सिंह बारहठ के बारे में लोगो को जानकारी देना और जीवनी से लोगो को प्रेरणा देना हैं। इस बार 100 से अधिक युनिट रक्तदान की उम्मीद है।
अमर शहीद कुंवर प्रतापसिंह बारहठ की जयंती पर रक्तदान शिविर मेंं दिखा उत्साह

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