24 न्यूज अपडेट उदयपुर। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह ने गुरुवार को विधानसभा में कहा कि उदयपुर के जीबीएच मेडिकल कॉलेज व अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण, सीवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट तथा फायर फाइटिंग सिस्टम के लिए एनओसी में अनियमितता की पुनः जांच जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति द्वारा करवाई जाएगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि उपखण्ड अधिकारी, उदयपुर द्वारा भी मौका मुआयना करने पर किसी प्रकार के नियमों का उल्लंघन नहीं पाया गया।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री प्रश्नकाल के दौरान सदस्यों द्वारा इस संबंध में पूछे गए पूरक प्रश्नों का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि जीबीएच मेडिकल कॉलेज व अस्पताल द्वारा फायर फाइटिंग एवं वेस्ट मेनेजमेंट से संबंधित नियमों का पालन नहीं करने की शिकायत पर एसडीएम द्वारा जांच करवाई गई थी, जिसमें किसी प्रकार की अनियमितता नहीं पाई गई।
इससे पहले विधायक फूल सिंह मीणा के मूल प्रश्न के लिखित जवाब में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जीबीएच मेडिकल कॉलेज खण्ड हॉस्पिटल में नियमानुसार फायर फाईटिग से संबंधित समस्त उपकरण स्थापित किये गये हैं, नगर निगम उदयपुर द्वारा फायर फाईटिंग की एनओसी भी जारी की गई है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट तथा पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड द्वारा निर्धारित प्रक्रिया/ नियमानुसार वेस्ट संग्रहण हेतु एक कक्ष निर्धारित है साथ ही रजिस्टर का संधारण कर मान्यता प्राप्त संस्थान द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट का निस्तारण किया जा रहा है।
सिंह ने कहा कि संस्थान द्वारा अस्पताल परिसर में सिवरेज ट्रीटमेन्ट प्लान्ट स्थापित किया गया है एवं ट्रीटेड पानी का उपयोग अस्पताल परिसर में बागवानी हेतु किया जाता है साथ ही बरसाती पानी की निकासी हेतु संस्थान की दिवार से लगते हुये प्राकृतिक कच्चे नाले में पाइपलाइन द्वारा निकासी की व्यवस्था की गई है। उन्होंने उपखण्ड अधिकारी, उदयपुर की मौका मुआयना रिपोर्ट सदन के पटल पर रखी।
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