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सिंधी समाज ने कल महाप्रसादी कर भगवान झूलेलाल को अर्जी लगाई थी, आज अर्जी हो गई मंजूर

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24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। श्री बिलोचिस्तान पंचायत और श्री सनातन धर्म सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में शक्ति नगर स्थित श्री सनातन धर्म मंदिर में अच्छी वर्षा के लिए कल महाप्रसादी का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य भगवान इंद्रदेव को प्रसन्न करना और उदयपुर में समृद्ध वर्षा की प्रार्थना करना था। श्री बिलोचिस्तान पंचायत के महासचिव विजय आहुजा ने बताया कि 16 जुलाई से भगवान श्री झूलेलाल साईं का चालिया महोत्सव श्री सनातन धर्म मंदिर में प्रतिदिन मनाया जा रहा है, जिसका समापन 25 अगस्त को होगा। आहुजा ने बताया कि भगवान झूलेलाल साईं को वरुण देव के रूप में भी पूजा जाता है। इसी क्रम में पंचायत और समिति ने मिलकर एक बैठक आयोजित की, जिसमें यह निर्णय लिया गया कि भगवान झूलेलाल साईं के चालिया महोत्सव के अवसर पर भगवान इंद्रदेव को प्रसन्न करने के लिए पूजा, आरती, और महाप्रसादी (लंगर) का आयोजन किया जाए। इस आयोजन में सिंधी समाज के सदस्यों की उपस्थिति विशेष रूप से दर्ज की गई। सनातन धर्म सेवा समिति के हेमंत गखरेजा और नरेंद्र कथूरिया ने बताया कि हाल ही में श्री सनातन धर्म मंदिर में भक्त मनोज कटारिया और राकेश कटारिया ने भगवान झूलेलाल साईं की 3क् मूर्ति भेंट की, जिसका आवरण सिंधी समाज के गुरु शैलेश ब्रिजवानी द्वारा किया गया। इसके बाद पण्डित जेतूराम द्वारा भगवान झूलेलाल की पूजा-पाठ कर रात्रि 9ः00 बजे भगवान इंद्रदेव के लिए विशेष अरदास और आरती की गई, ताकि उदयपुर में अच्छी वर्षा हो सके। महाप्रसादी के आयोजन में समाज के सभी पंचायत और युवा संगठनों के पदाधिकारी शामिल हुए। देर रात तक चलने वाले इस महाप्रसादी कार्यक्रम में पंचायत और समिति के नानकराम कस्तूरी, सुरेश कटारिया, जितेंद्र तलरेजा, भीमनदास तलरेजा, कमल तलरेजा, विकी थदवानी, गुरुमुख कस्तूरी, जय सपरा, कमल तुलसीजा, मनीष, मुकेश गखरेजा, संजय डोडेजा, सुरेन्द्र पाहुजा, कशिश, बसंत कस्तूरी सहित अन्य कार्यकर्ताओं ने अपनी सेवाएँ प्रदान कीं। इस आयोजन के माध्यम से समाज के लोगों ने एक साथ मिलकर भगवान से अच्छी वर्षा और समृद्धि की प्रार्थना की। कार्यक्रम के दौरान भक्तजनों की उपस्थिति और उनकी भक्ति से माहौल भक्तिमय हो गया, और भगवान इंद्रदेव की कृपा से क्षेत्र में अच्छी वर्षा की कामना की गई। इस प्रकार, यह आयोजन न केवल धार्मिक उत्साह को बढ़ावा देता है, बल्कि समाज के लोगों को एकजुट करने का भी कार्य करता है, जिससे सामुदायिक भावना को और अधिक सुदृढ़ किया जा सके।

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