24 News Update उदयपुर, 15 जुलाई। सिंधी समाज की आस्था और संस्कृति का प्रतीक भगवान झूलेलाल का चालीहा महोत्सव इस वर्ष भी पूरे भक्ति भाव और परंपरा के साथ मनाया जाएगा। पूज्य बिलोचिस्तान पंचायत और सनातन धर्म सेवा समिति के संयुक्त तत्वावधान में 16 जुलाई से 24 अगस्त तक शक्तिनगर स्थित सनातन धर्म मंदिर परिसर में चालीहा महोत्सव का आयोजन होगा। आयोजन समिति के सदस्य मनोज कटारिया ने बताया कि प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी 40 दिन तक लगातार भजन-कीर्तन, पंजड़ा, पल्लव, आरती और विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाएगा। हर दिन श्रद्धालु अलग-अलग प्रसाद का भोग अर्पित करेंगे। 25 अगस्त को भगवान झूलेलाल के बहिराणा साहिब का विसर्जन कर महोत्सव का समापन होगा। महोत्सव को भव्य बनाने के लिए नानक राम कस्तूरी, जितेंद्र तलरेजा, विजय आहुजा, बसंत कस्तूरी, जेतूराम, सुनील डोडेजा, जय सपरा और मनोज कटारिया ने बैठक कर आयोजन की विस्तृत रूपरेखा तैयार की। समाज के वरिष्ठजनों और युवाओं की विशेष भूमिका भी महोत्सव में रहेगी।
झूलेलाल चालीहा उत्सव का ऐतिहासिक महत्व
श्री बिलोचिस्तान पंचायत के महासचिव विजय आहुजा ने जानकारी देते हुए बताया कि सिंध के तत्कालीन शासक मिरखशाह के अत्याचारों के विरुद्ध सिंधी समाज ने 40 दिन तक कठिन जप-तप किया था। तभी सिंधु नदी में मत्स्य वाहन पर विराजमान भगवान झूलेलाल ने प्रकट होकर प्रजा को आश्वासन दिया कि वे 40 दिन बाद जन्म लेकर समाज को मुक्ति दिलाएंगे। चैत्र शुक्ल द्वितीया को उडेरोलाल के रूप में जन्म लेकर अपने चमत्कारों से समाज का उद्धार किया। आज भी सिंधी समाज जुलाई-अगस्त माह में 40 दिन तक कठिन व्रत, अखंड ज्योति, भजन-कीर्तन और बहिराणा साहिब की पूजा करता है। समाजसेवी जितेंद्र कालरा ने बताया कि भगवान झूलेलाल को सिंधी समाज जल देवता वरुण के अवतार के रूप में पूजता है। जल को जीवन का आधार मानते हुए सिंधी समाज जल-ज्योति, हरियाली और सुख-शांति की कामना के साथ चालीहा पर्व मनाता है।
महोत्सव के दौरान प्रतिदिन मंदिर में भव्य भजन संध्याएं, आरती और प्रसादी वितरण होगा। अंतिम दिन भगवान झूलेलाल की शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें समाजजन पारंपरिक वेशभूषा और लोकनृत्य ‘छेज’ की प्रस्तुति देंगे। आयोजन समिति ने शहरवासियों और सिंधी समाज के श्रद्धालुओं से इस पावन उत्सव में भाग लेकर भगवान झूलेलाल का आशीर्वाद प्राप्त करने का आग्रह किया है।
उदयपुर के सनातन धर्म मंदिर में 16 जुलाई से भगवान झूलेलाल का चालीहा महोत्सव, 40 दिन तक भक्ति-संस्कार का संगम

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