24 news update. state desk. राजस्थान में पहली बार किसी भारतीय पुलिस सेवा (IPS) के अधिकारी का डिमोशन किया गया है। यह कार्रवाई 2009 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी पंकज कुमार चौधरी पर की गई, जिनका पे स्केल भी घटा दिया गया है। इस प्रकार का निर्णय राज्य के इतिहास में पहली बार लिया गया है।
🔹 मामले के प्रमुख बिंदु
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| अधिकारी का नाम | पंकज कुमार चौधरी |
| कैडर | राजस्थान कैडर, 2009 बैच |
| कार्रवाई का कारण | पारिवारिक मामले की जांच के बाद निर्णय |
| डिमोशन अवधि | 3 साल के लिए |
| पे स्केल में बदलाव | लेवल 11 से लेवल 10 (जूनियर पे स्केल) में लाया गया |
| वर्तमान पद | पुलिस अधीक्षक (कम्युनिटी पॉलिसिंग), पुलिस मुख्यालय, जयपुर |
| पदनाम में बदलाव | पुलिस अधीक्षक → पुलिस अधीक्षक (लेवल 10) |
🔹 डिमोशन का प्रभाव
- पे स्केल में कटौती: अब उनकी वेतन श्रृंखला लेवल 10 हो गई है, जो फ्रेशर आईपीएस अधिकारियों के समान होती है।
- सिनियरिटी पर असर: तीन साल के डिमोशन का मतलब यह होगा कि उनकी प्रमोशन की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
- इतिहास में पहली बार: राजस्थान में इससे पहले किसी भी IPS अधिकारी पर ऐसा कदम नहीं उठाया गया था।
🔹 पंकज चौधरी का पक्ष
- चौधरी ने कहा कि उन्हें कार्मिक विभाग का आदेश प्राप्त हो चुका है।
- उन्होंने केंद्रीय प्रशासनिक अधिकरण (CAT), नई दिल्ली (2020), हाईकोर्ट (2021) और सुप्रीम कोर्ट (2021) के आदेशों का हवाला देते हुए कहा कि चार साल पहले ही उनके पक्ष में फैसला हो चुका था।
- उन्होंने संकेत दिया कि यह आदेश न्यायिक फैसलों के विपरीत हो सकता है, और वे आगे की कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
यह राजस्थान प्रशासन में एक ऐतिहासिक फैसला है, क्योंकि इससे पहले किसी आईपीएस अधिकारी का न केवल डिमोशन हुआ, बल्कि उनका वेतन स्तर भी घटाया गया। हालांकि, पंकज चौधरी पहले ही कानूनी लड़ाई जीत चुके थे, ऐसे में यह फैसला विवादास्पद हो सकता है। अब देखना होगा कि चौधरी इस फैसले के खिलाफ कोई कानूनी अपील करते हैं या नहीं।
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