जयपुर, 03 जनवरी। राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट-2024 के दौरान राज्य सरकार के साथ एमओयू करने वाले उद्यमियों को सुगमता से उद्योग स्थापित करने के लिये भूमि आवंटन हेतु रीको प्रबंधन ने प्रत्यक्ष भूखण्ड आवंटन योजना लागू की है। जिन उद्यमियों ने राइजिंग राजस्थान के दौरान एमओयू पर हस्ताक्षर किए हैं उनकी पात्रता को देखते हुये इस योजना में औद्योगिक भूखण्ड आवंटित किए जाएंगे। रीको द्वारा भूखण्ड आवंटित करने के लिए ऑनलाइन पॉर्टल विकसित किया गया है जिस पर उद्यमी एसएसओ आईडी के माध्यम से ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे।ज्ञातव्य है कि राज्य सरकार द्वारा राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट- 2024 में देश-विदेश के निवेशकों एवं उद्यमियों ने भाग लिया एवं रिकार्ड एमओयू हस्ताक्षरित हुए। इन एमओयू को धरातल पर लाने, निवेश आकर्षित करने एवं उद्यमियों को सुविधाएं देने हेतु राज्य सरकार ने एक नीतिगत ढांचा (पॉलिसी फ्रेमवर्क) तैयार कर राजस्थान एमएसएमई पॉलिसी-2024, राजस्थान एक्सपोर्ट प्रमोशन पॉलिसी-2024 एवं राजस्थान वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट पॉलिसी-2024 जैसी विभिन्न नीतियां जारी की।रीको ने भी राज्य में औद्योगिकीकरण को बढावा एवं राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट-2024 के दौरान हुए एमओयू कोे निवेश में परिवर्तित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है जिसके अन्तर्गत रीको द्वारा औद्योगिक क्षेत्रों में औद्योगिक इकाई स्थापित करने के लिए प्रत्यक्ष भूखण्ड आवंटन योजना तैयार स्वीकृत की गई है।एमओयू निष्पादित कर चुके उद्यमी रीको के चिन्हित औद्योगिक क्षेत्रों में भूखण्ड की निर्धारित आरक्षित दर पर विभिन्न क्षेत्रफल के अधिकतम तीन भूखण्डों (वरीयता क्रम में) के लिए प्रोजेक्ट रिपोर्ट एवं ईएमडी के साथ ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। इस हेतु उद्यमी अपनी रूचि अनुसार एक ही औद्योगिक क्षेत्र अथवा वरीयता क्रम में विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में अधिकतम तीन भूखण्डों के लिए विकल्प दे सकता है।समस्त आवेदनों का मूल्यांकन उनके द्वारा प्र्रस्तुत प्रोजेक्ट रिपोर्ट में वर्णित प्रस्तावित स्थायी पूंजी निवेश, प्रदान किये जाने वाले रोजगार, उत्पादन समय सीमा, उद्योग संचालन का अनुभव, निर्यातोन्मुखी इकाई, वर्तमान इकाई के विस्तार हेतु भूमि की आवश्यकता एवं टर्नओवर आदि कारकों के आधार पर किया जाएगा। इस मूल्यांकन के आधार पर अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले आवेदक को प्रथम वरीयता क्रम में एक ही भूखण्ड का आवंटन होगा। एमओयू करने वाले उद्यमी/ग्रुप को एक ही भूखण्ड का आवंटन किया जाएगा।किसी भूखण्ड पर एक से अधिक आवेदकों के अधिकतम अंक समान होने की स्थिति में अधिकतम निवेश का प्रस्ताव देने वाले आवेदक को ऐसे चिन्हित भूखण्ड का आवंटन किया जाएगा। अगर किसी भूखण्ड पर प्रथम वरीयता के आवेदन प्राप्त नहीं होते हैं तब क्रमशः द्वितीय एवं तृतीय वरीयता वाले आवेदनों पर विचार किया जाएगा।राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इनवेस्टमेंट समिट-2024 के तहत चिन्हित उपखंड अथवा ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित औद्योगिक क्षेत्र की प्रचलित दर पर रीको द्वारा स्थापित नवीन औद्योगिक क्षेत्रों में ऑनलाइन ई-लॉटरी के माध्यम से 50 प्रतिशत बिक्री योग्य औद्योगिक भूमि (आरक्षित भूखण्डों सहित) में एमएसएमई, जिन्होंने एमओयू पर हस्ताक्षर किए है, को औद्योगिक भूखण्डों का आवंटन होगा। इसमें भी उनके द्वारा दी गई प्रोजेक्ट रिपोर्ट के आधार पर ही भूखण्ड आवंटन किया जाएगा।प्रमुख शासन सचिव, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग एवं रीको के चेयरमैन श्री अजिताभ शर्मा ने बताया कि लंबे समय से उद्यमियों की मॉंग थी कि रीको े ई-नीलामी के साथ ही प्रत्यक्ष आवंटन भी करेे ताकि उचित कीमत पर भूमि उपलब्ध हो सके। राजस्थान सरकार ने भी इस पर सकारात्मक रूख दिखाते हुए इस संबंध में दिशा-निर्देश दिए। तत्पश्चात् रीको ने प्रत्यक्ष आवंटन योजना तैयार की है जिससे न सिर्फ किफायती कीमत पर अपितु वास्तविक उद्यमियों को औद्योगिक क्षेत्रों में भूखण्ड आवंटित हो सकेेंगें। इस योजना से उद्यमियों को यह भी फायदा होगा कि भूखण्ड आवंटन प्रक्रिया में समय की बचत होगी तथा उद्यमी अपनी परियोजना शीघ्र ही स्थापित कर सकेंगे। निवेश आकर्षित करने एवं उद्यमियों को सहूलियत देने की दिशा में राज्य सरकार की यह नई एवं सकारात्मक पहल है।रीको के प्रबंध निदेशक श्री इंद्रजीत सिंह ने बताया कि भूखण्डों का आवंटन पूर्ण पारदर्शिता एवं पूर्णतः मेरिट के आधार पर करने के लिए ऑनलाइन पॉर्टल के माध्यम से आवेदन मॉंगे जाएंगे। योजना से संबंधित गाइडलाईन तैयार कर ली गई है। साथ ही साथ रीको की इकाई कार्यालयों को भी प्रत्यक्ष आवंटन योजना एवं गाइडलाईन से अवगत करा दिया गया है, जिससे कि औद्योगिक क्षेत्रों में भूखण्डों का आवंटन का निपटान एक निश्चित समय सीमा में हो सकेगा।
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