24 न्यूज अपडेट, उदयपुर। उदयपुर के मैग्नस अस्पताल पर प्रिमेच्योर बेबी के जन्म के बाद शिशु रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मनोज अग्रवाल की लापरवाही से आर.ओ.पी टेस्ट नहीं करवाने व डिस्चार्ज समरी परिजनों को देते हुए बच्चे को स्वस्थ्य बताकर सौंप देने , बाद मे बच्चे के अंधे हो जाने के मामले में अब डाक्टर का पक्ष आया है। डाक्टर ने कहा कि मैंने कई बडे अस्पतालों में काम कर रखा है। जो भी बच्चे प्रिमेच्योर होते हैं हम उनकी आंखों की विशेष जांच करवाते हैं। इस बच्चे के लिए भी हमने प्लान किया था। डिस्चार्ज की समरी में भी हमने क्लियर कट जांच के लिए लिख दिया था। अटेंडेट ने कहा कि पहले खर्चा ज्यादा हो चुका है। हम अपने लेवल पर ही बच्चे की आंखों की जांच करवा लेंगे। बच्चे की डिस्चार्ज पर भी रिमांडर करवाया। परिजन जो दस्तावेज दिखा रहे हैं वो सही नहीं है, पूरी तरह से गलत है। डाक्टर के बयान पर परिजनों ने कहा कि डाक्टर साहब गलत कह रहे हैं अपनी गलती छिपा रहे हैं। उनको हमें पहले ही बता देना चाहिए था। रिपोर्ट उनके अस्पताल की है वे जब चाहें उसमें फेरबदल कर देंगे। वो अपनी गलती स्वीकारने को तैयार नहीं है।
देखिये डाक्टर साहब का बयान….
मैग्नस अस्पताल का आया पक्ष, कहा-हमने आरओपी टेस्ट के लिए कहा था, परिजन ही डिस्चार्ज करवा ले गए, परिजनों ने कहा-डाक्टर साहब अपनी गलती छुपा रहे

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