24 न्यूज अपडेट. जयपुर। गजब का सिस्टम हो गया है। नेताओं और अफसरों के गठजोड़ और खुलेआम भ्रष्टाचार के दम पर हाईवे पर किए गए कट पूरे राजस्थान में चुपके से बंद कर दिए गए और इन कट को खोलने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। कोई जेल नहीं गया, किसी को कोई सजा नहीं हुई। उदयपुर से चित्तौड़ तक ऐसे कट जयपुर हादसे के तुरंत बाद अभियान चला कर बंद कर दिए गए। जिला प्रशासन की ओर से बकायदा उनकी खबर जारी की गई कि हमने यह काम कर दिया है। लेकिन यह नहीं बताया गया कि कट किसकी मिलीभगत से हुए थे। किस पेट्रोल पम्प, होटल या ढाबे वाले को लाभ देने के लिए किए गए थे। किसकी जिम्मेदारी थी निगरानी की जिसने पैसा खाकर आंख मूंद ली और बाद में पैसा खर्च करके खुद का बचाव भी कर लिया। अब जयपुर-किशनगढ़ हाईवे पर 20 दिसंबर को हुए एलपीजी ब्लास्ट हादसे के करीब एक महीने बाद आज सुबह नेशनल हाईवे ऑथोरिटी ऑफ इंडिया ने भांकरोटा के आगे हादसे वाली जगह पर बने कट को बंद कर दिया है। रास्ता डायवर्ट कर दिया गया है। इसी तरह पास में ही बने ट से यूटर्न भी बंद करवाए जा रहे हैं अब बडा सवाल ये उठ रहा है कि क्या एनएचएआई के अफसर नींद में थे अब तक। क्या उनको रोड बनाते समय पता नहीं था कि कट वैध नहीं है। शार्प टर्न है तो नियमानुसार कट बनवाना है। दरअसल सच तो ये है कि लोगों की जान की किसी को परवाह ही नहीं है। हादसों के बाद पहले तो कार्रवाई करने का ढिंढोरा पीटा जाता है व उसके बाद चुपके से कानूनी कार्रवाई से खुद के बचाने के लिए रास्ते निकाल दिए जाते हैं। तब तक जनता भी मामले को भूल चुकी होती है। आपको बता दें कि जयपुर अजमेर हाईवे पर हुए हादसे में 20 लोगों की मौत हो गई थी। हादसा इतना भीषण था कि 5 शवों की पहचान डीएनए सैंपल से ही हो पाई। ऐसा हादसा फिर ना हो इसके लिए जो भी ठोस इंतजाम किए गए हैं उसके साथ ही उन लोगों को भी सजा जरूर मिलनी चाहिए थी जिनके कारण हाईवे पर कट बनाए गए। यदि नहीं मिली है तो आगे भी ऐसे हादसे होते रहेंगे यह तय है।
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