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नामचीन कंपनियों के मसालों के सेम्पल फेल हुए, मगर बंद एक भी नहीं हुई, दूसरे देशों ने बताया, तब भी देर से जागे हम, अब जांच में पता चल रहा है अधिकांश ब्रांडेड मसाले जानलेवा, सरकार के भरोसे नहीं रहें, ब्रांडेड का मोह छोड़ें, हाथों-हाथ पिसवाए मसाले काम में लें

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24 न्यूज अपडेट उदयपुर। ब्रांडेड मसाले हमारे खाने में जहर घोल रहे हैं। यह हमें दुनिया के देशों ने बताया तब जाकर पता चला। कई देशों में ब्रांडेड मसालों की जांच हुई तो पता चला कि इनमें कई खतरनाक रसायनों की मात्रा बहुत ज्यादा हैं जिनसे कई घातक रोग हो सकते हैं। इसके बाद भी कई महीनों तक भारत में कुछ भी नहीं हुआ व अब जाकर जब जांच की जा रही है तो बातें सच साबित हो रही हैं। राजस्थान में मसालों के नाम पर लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ किया जा रहा है। पता चला है कि टैल्कम पाउडर से जीरा बनाया जा रहा है। खाद्य विभाग और स्वास्थ्य विभाग की साझा कार्रवाई में रोज नए तथ्य सामने आ रहे हैं। कुल मिलाकर बात यह है कि अगर अब भी नहीं संभले व ब्रांडेड मसालों का मोह नहीं छोडा तो कैसर जैसी बीमारियां हमारा इंतजार कर रही है। सरकारी स्तर पर चाहें तो उपभोक्ता भंडारें के माध्यम से शुद्ध मसाले उपलब्ध करवाए जा सकते हैं मगर बड़े पैमाने पर ऐसा किया जाएगा इसमें पूरा संशय है क्योंकि इससे बड़ी कंपनियों के हित आड़े आते हैं और बात चुनावी चंदे तक चली जाती है।
बाड़मेर-अलवर सहित चार जिलों में 12 हजार किलो से ज्यादा गरम मसाला सीज किया गया है। कई नामी ब्रांड के मसाले हैं, जिनमें अधिक मात्रा में पेस्टिसाइड्स पाए गए हैं। सवाल उठता है कि क्या इन मसालों की नियमित जांच नहीं हो रही है या फिर पूरा सिस्टम ही इतना ज्यादा भ्रष्ट हो गया है कि उनको लाखों रूपए डकारने के बाद भी यह तक चिंता नहीं है कि लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड हो रहा है। राजस्थान के अलग-अलग जिलों में हुई कार्रवाई में कई ब्रांडेड मसालों को सीज किया गया है। बाड़मेर से 30 लाख रुपए के एवरेस्ट और एमडीएच के मसाले, ब्यावर में 420 किलो जीरा पाउडर, अलवर में शीबा मसाला उद्योग से रायता मसाला के 100 ग्राम के 940 पैकेट जब्त किए। गरम मसाला और चना मसाला के 100 ग्राम के 880-880 पैकेट जब्त किए गए। पाली में 7420 किलो मसाले सीज किए। सभी मसाले बडी कंपनियों के हैं जिनके पास पर्याप्त संसाधन भी हैं तो सवाल ये उठ रहा है कि इतनी बड़ी कंपनियों पर तत्काल कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। सरकारी तंत्र एक दिन छापा मारने के बाद शाम को बकायदा घोषणा करता है कि अगले दिन भी छापे मारे जाएंगे। यह तो कोई सामान्य बुद्धि का व्यक्ति भी बता सकता है कि अगर घोषणा करके छापे मारे जाएंगे तो बाजार से आखिर क्या हासिल होगा। ऐसे में लाखों करोडों के मसालों के पैकेट बाजार से ही गायब कर दिए गए हैं। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक बड़ी मसाला कंपनियों के सैंपल लिए गए थे। कुछ सैंपल अनसेफ पाए गए। इसके बाद असुरक्षित पाए गए मसालों को सीज किया गया, दूसरे बैच के सैंपल लिए गए। इस तरह 12 हजार किलो से अधिक मसाले सीज किए गए हैं। 71 सैंपल असुरक्षित मिले तो एमडीएच, शीबा ताजा, एवरेस्ट, हमदर्द, रामदेव और अन्य ब्रांड के पावभाजी मसाला, सांभर मसाला, गरम मसाला, चाट मसाला, सब्जी मसाला, रायता मसाला, चना मसाला को सीज कर दिया गया। बड़ी बात यह है कि कब इनकी रिपोर्ट आएगी व कब संबंधितो ंपर कार्रवाई होगी। सरकार कह रही है कि राजस्थान में डिस्ट्रीब्यूशन की बड़ी इकाइयों से माल को बेचने पर रोक लगा दी गई है। माल को सीज किया जा रहा है। आगामी दिनों तक प्रतिबंध जारी रहेंगे। यह माल किसी को सप्लाई नहीं करने के लिए पाबंद किया गया है। लेकिन जो माल अब भी बेचा जा रहा है उसे पूरी तहर से रोकने के लिए कोई तंत्र है ही नहीं। ब्यावर की तो कहानी ही अलग है। ब्यावर में खाद्य सुरक्षा टीम ने 420 किलो जीरा पाउडर जब्त किया। टीम भी हैरान रह गई जब पता चला कि जीरा बनाने के लिए टैल्कम पाउडर का इस्तेमाल किया जा रहा था। मैसर्स किरण इंडस्ट्रीज का निरीक्षण कर टीम ने टैल्कम पाउडर मिलाकर तैयार किए गए 420 किलो जीरा पाउडर को जब्त कर लिया गया। नमूने को प्रयोगशाला में भिजवाया गया है। अलवर में ईटारणा रोड स्थित मसाला निर्माण एवं विक्रय इकाई शीबा मसाला उद्योग से रायता मसाला के 100 ग्राम के 940 पैकेट जब्त किए गए। तिलक मार्केट स्थित एमडीएच मसाले के थोक विक्रेता लक्ष्मी एजेंसीज से गरम मसाला और चना मसाला के 100 ग्राम के 880-880 पैकेट जब्त किए गए।

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