24 न्यूज अपडेट, नेशनल डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एपल के CEO टिम कुक से भारत में उत्पादन कम करने और अमेरिका में निर्माण बढ़ाने की अपील की है। ट्रम्प ने कतर की राजधानी दोहा में बिजनेस लीडर्स के साथ एक कार्यक्रम में कहा कि एपल को अब अमेरिका में प्रोडक्शन बढ़ाना चाहिए और भारत में फैक्ट्रियां लगाने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “मैं नहीं चाहता कि एपल के प्रोडक्ट भारत में बनें। इंडिया अपना ख्याल खुद रख सकता है।”
फाइनेंशियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2026 तक भारत में सालाना 6 करोड़ से अधिक आईफोन का निर्माण होगा, जो मौजूदा क्षमता से दोगुना है। एपल वर्तमान में अमेरिकी बाजार में बिकने वाले 50% आईफोन भारत में बना रहा है, और कंपनी का लक्ष्य इसे और बढ़ाना है। मार्च 2024 से मार्च 2025 तक एपल ने भारत में 22 बिलियन डॉलर (करीब ₹1.88 लाख करोड़) वैल्यू के आईफोन बनाए, जो पिछले साल की तुलना में 60% अधिक है। इस दौरान भारत से 17.4 बिलियन डॉलर (करीब ₹1.49 लाख करोड़) के आईफोन एक्सपोर्ट किए गए, और दुनियाभर में हर 5 में से 1 आईफोन अब भारत में बन रहा है।
भारत में आईफोन की मैन्युफैक्चरिंग मुख्य रूप से तमिलनाडु और कर्नाटक की फैक्ट्रियों में की जाती है, जिसमें सबसे बड़ा योगदान फॉक्सकॉन का है। इसके अलावा, टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और पेगाट्रॉन भी प्रमुख मैन्युफैक्चरिंग पार्टनर हैं। 2024 में एपल के ग्लोबल आईफोन शिपमेंट में चीन का हिस्सा 28% था, जबकि भारत की हिस्सेदारी लगातार बढ़ रही है।
एपल ने हाल ही में बताया कि अप्रैल-जून तिमाही में अमेरिकी बाजार में बिकने वाले आईफोन्स का कंट्री ऑफ ओरिजिन भारत होगा। कंपनी का कहना है कि एयरपॉड्स और एपल वॉच जैसे अन्य प्रोडक्ट्स भी वियतनाम में बनाए जा रहे हैं। कंपनी चीन पर अपनी निर्भरता कम करने के लिए सप्लाई चेन डायवर्सिफिकेशन पर जोर दे रही है, और भारतीय बाजार में मेक इन इंडिया इनिशिएटिव और PLI जैसी सरकारी योजनाओं से इसे बढ़ावा मिल रहा है।
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