24 न्यूज अपडेट. स्टेट डेस्क। धौलपुर-बाड़ी विधानसभा क्षेत्र के पूर्व विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा को इंजीनियर हर्षाधिपति के साथ मारपीट के मामले में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली। जस्टिस एमएम सुंदरेश एवं अरविंद कुमार की बेंच ने गिर्राज सिंह मलिंगा की याचिका को स्वीकार कर जमानत दे दी। गिर्राज सिंह मलिंगा ने कोर्ट के आदेश पर 20 नवंबर को धौलपुर एससी-एसटी कोर्ट में सरेंडर किया जहां से न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया था। मामला यह था कि 28 मार्च 2022 को बाड़ी के विद्युत निगम कार्यालय पर एईएन हर्षाधिपति के साथ भीड़ ने मारपीट कर दी। इंजीनियर ने कांग्रेस के तत्कालीन विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा पर आरोप लगाए। जांच सीआईडी-सीबी को सौंपी। सीआईडी-सीबी ने गिर्राज सिंह मलिंगा को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भेज दियाथा। इस पर गिर्राज सिंह मलिंगा ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया । हाईकोर्ट में जस्टिस फरजंद अली की बेंच ने मलिंगा की याचिका पर सुनवाई कर जमानत प्रदान दे दी मगर जमानत मिलने के बाद गिर्राज सिंह मलिंगा के समर्थक एवं कार्यकर्ताओं ने विशाल जुलूस निकालकर एक सभा का आयोजन किया। सभा और जुलूस का विरोध कर पीड़ित और परिवादी हर्षाधिपति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी। गिर्राज सिंह ने कोर्ट को गुमराह कर एवं झूठ बोलकर जमानत लेने के आरोप लगाए। साक्ष्य एवं गवाहों को डराने व धमकाने का आरोप भी लगाया। इस पर हाईकोर्ट ने गिर्राज सिंह मलिंगा की जमानत को खारिज कर 1 महीने के अंदर जेल भेजने के आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता आदित्य मिश्रा ने बताया कि मलिंगा ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगने के बाद जस्टिस एमएम सुंदरेश एवं जस्टिस अरविंद कुमार की बेंच ने गिर्राज सिंह मलिंगा को कोर्ट में सरेंडर करने के निर्देश दे दिए। कोर्ट ने दोनों पक्ष की बहस और दलील सुनने के बाद गिर्राज सिंह मलिंगा को राहत देते हुए जमानत दे दी.
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