कारीगरों की पगार देना पड़ रहा भारी
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24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। दुनिया में मंदी, अमेरिकी डॉलर की कमजोरी और रूस-युक्र्रन, इजराइल-फिलिस्तीन युद्ध के अपडेट सहित दुनिया की आर्थिक उथल-पुथल से सोने की चमक बढ़ गई है। सोने की कीमतें पिछले एक महीने में रॉकेट बनी हुई हैं और इसका जबर्दस्त असर स्थानीय बाजारों तक देखा जा रहा है। लेकसिटी उदयपुर में आज 24 न्यूज अपडेट ने आकलन किया सोने की कीमतों से मार्केट पर पड़े असर का तो कई चौंकाने वाली बातें सामने आईं। सोने की कीमतें जहां निवेशकों के चेहरों पर खुशी ला रही है तो सर्राफा व्यवसाइयों और खरीददारों के माथे पर शिकन पड़ रहे हैं। सोने की चमक उनकी आंखों में चुभ रही है क्योंकि ग्राहकी घट कर अपने न्यूनतम स्तर पर आ गई है। याने कीमतें उच्चतम स्तर पर और ग्राहकी न्यूनतम असर पर। रही सही कसर चुनाव आचार संहिता ने पूरी कर ली है जिसमें सख्ती के चलते सोने सहित अन्य कीमती धातुओं के कच्चे-पक्के माल की लीगल अवाजाही में भी जमकर लोचे पड़ रहे हैं या कहें कि सरकार लालफीताशाही आड़े आ रही है। कभी बिल वाले माल की जब्ती हो रही है तो कभी जब्त किए माल को कोर्ट से छुड़वाने के तर्क दिए जा रहे हैं। माल की सुगम आवाजाही की जो चेन चल रही थी वो लगभग ठप हो चली है। व्यापारी सोचने लगा है कि बाहर से माल मंगवाने और रास्ते में जब्ती, जांच आदि की कार्रवाई से उसको सुरक्षित खुद तक पहुंचाने के झमेले आखिर क्यों मोल लिए जाएं। इसका सीधा असर हर रोज घंटों तक मेहनत कर गहने आदि बनाने वाले व्यापारियों पर पड़ा है जिनके पास काम नहीं होने से आर्थिक संकट पैदा हो गया है। श्री राजस्थान सर्राफा संघ के संरक्षक व प्रमुख सर्राफा व्यवसायी उदयपुर के इदरसिंह मेहता ने बताया कि मंगलवार को उदयपुर में सोना ऑल टाइम हाई पर चला गया। दोपहर 2 बजे इसका भाव सोना शुद्ध 24 कैरेट का 70400 रूपए, 23 कैरेट का भाव 67 हजार 585 रूपए, 22 कैरेट का भाव 64 हजार 770 रूपए चला गया। शुद्ध चांदी का भाव भी ऑल टाइम हाई चल पर 76 हजार 410 रूपए प्रति किलो पर चला गया।
ग्राहकी पर जबर्दस्त असर, पुराने सोने से ही हो रही खरीददारी
मेहता ने बताया कि सोने की लगातार बढती कीमतों की वजह से बाजार से ग्राहक गायब से हो गए हैं। शादी-ब्याह के लिए जिन लोगों को सोना खरीदना है वे भी पुराना सोना ला रहे हैं और एक्सचेंज करवा कर नया सोना ले जा रहे हैं क्योंकि इतनी उंची कीमतों पर सोना खरीदना सबके बस की बात नहीं है। अचानक बीस से पच्चीस परसेंट दाम बढने से सभी चिंता में पड गए हैं। व्यापारियों पर असर का आकलन करें तो उनकी हालत बढती कीमतों ने खराब कर दी है। खरीददार नहीं आ रहे हैं। कारीगरों पर भी असर हुआ है। पहले जहां पर एक कारीगर दिन में 12 से 15 घंटे काम कर रहा था, अब उसके पास पांच से आठ घंटे का ही काम है। कइयों के पास ग्राहकी नहीं होने से काम नहीं हो रहा है। जहां तक वैश्विक असर का सवाल है तो अमेरिका के चुनाव नवंबर में हैं। ब्याज दरों के बदलाव से भी फर्क होता है। इसके अलावा चुनावों की आचार संहिता का भी असर है। विधानसभा चुनावों में भी यही हुआ था। अभी सरकारी आदेश व जांच से देशभर से सोने की आवक व आवाजाही बंद सी हो गई है। 50 हजार से ज्याद कैश की जब्ती होती है और सोने-चांदी की बॉर्डर सहित अन्य जगहों पर रोज जब्ती हो रही है। बिल आदि होने पर भी पुलिस का पक्ष -कोर्ट से छुड़वा लीजिए वाला रहता है। अब उदयपुर का व्यापारी अगर बिछीवाड़ा केवल अपना माल छुड़वाने के लिए दो-तीन चक्कर लगाएगा तो भी उसे क्या मानसिक परेशानी होगी और अन्य आर्थिक असर क्या होंगे, इसका अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। उदयपुर में अहमदाबाद, मुम्बई, मथुरा, इंदौरा, राजकोट दिल्ली जयपुर से माल आता है और कारीगर अलग-अलग आईटम बनाते हैं। अब माल की आवाजाही चुनाव आचार संहिता के खत्म हो जाने तक लगभग ठप सी रहेगी। उदयपुर में आदिवासी अंचल होने से यहां चांदी की डिमांड भी ज्यादा रहती है। एक मोटामोटी अनुमान है कि उदयपुर में प्रतिदिन साधारण दिनों में 10 से 15 करोड़ रूपए का व्यापार होता है। अब यह घट कर लाखों में आ गया है। इस बारे में सर्राफा व्यवसायी गणेश डागलिया ने कहा कि विदेशा में तेजी की वजह से सोने के दाम बढ रहे है। सोना दो तीन महीने में 10 हजार रूपए तोला से ज्यादा बढ़ गया है। चांदी में भी छह से सात हजार रूपए प्रति किलो की तेजी आई है। सीजन होने के बावजूद ग्राहकी कमजोर है। लोग बडी उम्मीदों से आते हैं मगर भाव सुनते ही चले जाते हैं, मार्केट में नहीं आते हैं। इन दिनों में लोगों के पेइंग केपेसिटी भी कम हो गई है। ऐसे में सरकार को चाहिए कि वो अपने स्तर पर सोने-चांदी का आयात कर कीमतों को बैलेंस करें जो व्यापारियों के हित में भी रहेगा और ग्राहकों के हित में भी।
सर्राफा व्यवसाय के लिए आचार संहिता में सिस्टम बनाना जरूरी
जानकारों का मत है कि आचार संहिता अपनी जगह सही और जरूरी है मगर इस दौरान ईज ऑफ डुइंग बिजनेस भी उतना ही जरूरी है। एंट्री प्वाइंट्स व बॉर्डर्स पर जहां से भी सोना-चांदी की आवक हो रही है, वहां पर जांच के दौरान हीं एक रियल टाइम असेसमेंट सिस्टम बनाना जरूरी है ताकि बिल आदि की जांच के बाद तुरंत आगे की प्रक्रिया को मौके पर ही त्वरित समाधान के रूप में आगे बढाया जा सके। अभी आरोप ये भी लग रहे हैं कि जो लोग पॉलिटिकल रूप से सक्षम और जुगाडू हैं, उनकी ना जांच हो रही है ना आंच आ रही है।
विदेशी बाजारों का क्या है हाल
विदेशी बाजारों की बात करें तो सोने और चांदी के भाव में उछाल है। अमेरिका में ग्रोथ डेटा उम्मीद से बेहतर आ रहा हैं, मुद्रास्फीति भी 2.5 प्रतिशत से ऊपर जा रही है। बाजार में यह सेंटिमेंट चला गया है कि अमेरिका का केंद्रीय बैंक ब्याज दरों में और अधिक कटौती करने जा रहा हैं, क्योंकि मुद्रास्फीति 2 फीसदी तक लाने का लक्ष्य है। हाल में संकेत वहां से यह चला गया कि ब्याज दरों में कटौती की जल्दी नहीं है। इससे सोने और चांदी की कीमतों में तेजी आ रही है।
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