24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। परमानन्द पुत्र राणारा भील निवासी सूरसागर जोधपुर ने फलासिया थाने में रिपोर्ट लिखवाई कि शादी करने के बाद गांव ले जाने के दौरान मंदिर में दर्शन करने गई नव विवाहिता भाग गई। रिपोर्ट मेंं बताया गया कि 5 जुलाई 2023 को कोरोना के दौरान उनकी पत्नी का असामयिक निधन हो गया। घर पर छोटे बच्चे और बूढ़े मां बाप हैं। उनकी सार संभाल के लिए कोई नहीं है। इस पर दूसरा विवाह तय किया। गोगुन्दा गांव के पास रहने वाले जान पहचान के भगवतीलाल मेघवाल ने ओगणा में मित्र अमृतलाल उर्फ पप्पू मेघवाल को यह बात बताई। इस पर अमृतलाल ने फलासिया में ही दीपक खराडी से कहा। दीपक ने सुमित्रा खराडी पुत्री बाबूलाल खराडी की बेटी का फोटो फोन पर पसंद करवाया। इसी साल 15 सितम्बर को सुमित्रा, दीपक, रामलाल, भगवतीलाल और अमृतलाल उसके घर आए तथा बताया कि विवाह में जो खर्चा होगा वह उसी को देना होगा। इसके अलावा 2 लाख 21 हजार रूपए कैश देना तय हुआ व जेवरात भी देने होंगे। 5100 रूपए तथा अंगूठी पहनाकर सगाई की रस्म गई व 15 दिन में पैसें का इंतजाम करके गोगुन्दा से भगवतीलाल और अमृतलाल को भी साथ लिया व लडकी के घर पहुंच गए। 2 लाख रूपए दीपक को दिए और सोने का मंगलसूत्र, कानी के झुमके और पाजेब सुमित्रा पहना दिए। माला पहनाकर विवाह की रस्में हो गई। वह सबके साथ सूरसागर जोधपुर के लिए रवाना हुआ। भगवतीलाल और अमृतलाल को गोगुन्दा में उतार दिया और सुमित्रा को लेकर जोधपुर की ओर चला गया। रास्ते में सुमित्रा ने अंबाजी दर्शन करवाने की बात कही। उसे लेकर अंबाजी गया और प्रसाद लेकर शाम 7 बजे दर्शन के लिए लाइन में खड़ा हो गया। लाइनें अलग-अलग थी। पत्नी सुमित्रा महिलाओं की लाइन में लगी। दर्शन करने बाद वह मंदिर में ही एक कोने में जाकर खड़ा हो गयां इंतजार करते करते खूब वक्त हो गया मगर सुमित्रा आई ही नहीं। उसने सुमित्रा को बाद में पूरे मंदिर परिसर में ढूंढा मगर कहीं पर भी पता नहींं चला। आरोप लगाया गया कि उसका विवाह करवा कर जेवरात व पैसा हड़प लिया गया है। पुलिस मामले की जांच करके न्याय दिलाए।
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