24 न्यूज अपडेट. नई दिल्ली। दिल्ली में 27 वर्षों के लंबे अंतराल के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनने जा रही है। चुनाव आयोग के रुझानों के मुताबिक भाजपा ने एक सीट जीत ली है और 46 सीटों पर बढ़त बनाए हुए है। आम आदमी पार्टी ने एक सीट जीती है और 22 सीटों पर आगे चल रही है। कांग्रेस का इस चुनाव में प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहा, उसे एक भी सीट नहीं मिल सकी। अरविंद केजरीवालः नई दिल्ली सीट से चुनाव हार गए। मनीष सिसोदियाः जंगपुरा सीट से पराजित हुए। आतिशीः कालकाजी सीट पर जीत दर्ज करने में सफल रहीं। अन्य नेताः सत्येंद्र जैन, सोमनाथ भारती, सौरभ भारद्वाज, अमानतुल्लाह खान और अवध ओझा जैसे प्रमुख नेता पीछे चल रहे हैं। केजरीवाल को हराने वाले भाजपा उम्मीदवार प्रवेश वर्मा ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। भाजपा मुख्यालय में जश्न का माहौल है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शाम 7 बजे पार्टी मुख्यालय पहुंचकर कार्यकर्ताओं के बीच संबोधन देंगे।
वोट शेयर और सीटों में बदलाव
भाजपाः पिछले चुनाव (2020) की तुलना में भाजपा के वोट शेयर में 9 प्रतिशत से अधिक का इजाफा हुआ है और पार्टी ने 40 सीटों का फायदा पाया। आम आदमी पार्टी को 10 प्रतिशत से ज्यादा वोट शेयर का नुकसान हुआ और उसे 40 सीटों का घाटा हुआ। कांग्रेसः भले ही कांग्रेस ने एक भी सीट नहीं जीती, लेकिन उसके वोट शेयर में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। इस जीत के साथ भाजपा ने दिल्ली की राजनीति में महत्वपूर्ण वापसी की है, जो कि 27 साल बाद संभव हो पाई है। यह चुनाव बड़ा झटका साबित हुआ है, खासकर जब उसके दो शीर्ष नेताओं अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया की हार हुई। कांग्रेस का लगातार तीसरा चुनाव खाली हाथ रहना उसके अस्तित्व पर सवाल खड़े कर रहा है। भाजपा की यह जीत दिल्ली की राजनीति में एक नए युग की शुरुआत मानी जा रही है।
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