24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। छात्रों के बीच चाकूबाजी के मामले में अब प्रशासनिक एक्शन होना शुरू हो गए हैं। उन शिक्षकों पर गाज गिरी हैं जिनको इसके लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा हैं। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भटियानी चौहट्टा की प्रिंसिपल ईशा धर्मावत को निलंबित कर दिया गया है। माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक आशीष मोदी ने मंगलवार देर शाम इसका आदेश जारी किया। स्कूल प्रिंसिपल पर कार्रवाई के लिए कई संगठनों का दबाव था। संगठन तो पूरा स्टाफ बदलने की मांग कर रहे हैं। आपको बता दें कि 16 अगस्त को छात्र पर साथी छात्र द्वारा चाकू से हमला करने के मामले में विभाग ने प्रिंसिपल व स्टाफ की लापरवाही मानी है। प्रिंसिपल के लिए कहा गया है कि उन्होंने नियमित रूप से विद्यार्थियों की निगरानी नहीं की। निलंबन के दौरान उनका मुख्यालय माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर रहेगा। उनकी उपस्थिति और अनुशासन को लेकर ध्यान नहीं रखा गया। इसी वजह से घटना हुई है। जबकि जानकार कह रहे हैं कि हर बच्चे के मामले में ऐसा असंभव है। इधर, उदयपुर संभाग के संयुक्त निदेशक महेंद्र कुमार जैन ने वरिष्ठ अध्यापक क्लास टीचर राकेश कुमार जारोली को एपीओ कर दिया है। उनके विरुद्ध विभागीय जांच होगी व उनका मुख्यालय सीबीईओ भैसरोड़गढ़, चित्तौड़गढ़ कर दिया गया है। कलेक्टर अरविंद पासवाल की ओर से इस मामली में स्कूल प्रबंधन की लापरवाही मानी थी व शिक्षा विभाग को पत्र लिखा गया था। पत्र में जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी। इधर, परिजनों से पोस्टमॉर्टम से पहले हुए समझौते में भी स्कूल के जिम्मेदार स्टाफ पर कार्रवाई का जिक्र था। घर गिराने की मांग को पूरा करने के लिए किराए का घर पहले ही गिरा दिया गया है। इधर, अब स्कूल बैग और जेब की जांच भी नियमित रूप से की जाएगी। माध्यमिक शिक्षा विभाग निदेशक ने इस बारे में प्रदेश के सभी स्कूलों में हथियार, कैंची, चाकू और नुकीली वस्तुओं के लाने पर प्रतिबंध का आदेश जारी कर दिया है। इस बारे में शिक्षक समुदाय का मत है कि शिक्षकों के पास पहले से हजारों काम है। पौधारोपण से लेकर मतदान के कामों में टीचर को खपा रखा है। बैग जांचने के लिए अतिरिक्त समय, सतर्कता और संसाधन की जरूरत है। आदेश ठीक से लागू हो पाएगा इसमें संशय है।
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