24 न्यूज अपडेट. सलूंबर। एशिया की सबसे बड़ी जस्ता उत्पादक हिंदुस्तान जिंक जावर माइंस में स्थानीय लोगों को रोजगार नही देने व अन्य समस्याओं को लेकर ग्रामीणों ने हड़ताल शुरू कर दी है। आज सुबह ठीक आठ बजे से जावर माइंस के आस पास की पंचायतों के ग्रामीणों के बार-बार चेतावनी देने पर भी माइंस प्रसाशन द्वारा नहीं सुनने एवं जिला प्रशासन को 20 दिन पहले अल्टीमेटम देने के बाद भी प्रशासन के द्वारा सुनवाई नहीं करने पर स्थानीय लोगों के द्वारा बरोंई नॉर्थ इकाई के बाहर बेमियादी धरने पर बैठ गये है। स्थानीय लोगों का कहना है कि इन्हें माइंस से सुविधा व रोजगार में प्राथमिकता नहीं मिल रही है और बाहरी लोगों को आपके द्वारा नौकरियों में प्राथमिकता दी जा रही है। कोरोना का बहाना कर सैकड़ो लोगों को रोजगार से वंचित कर दिया है अतः इन सभी मजदूरों को रोजगार दिया जाए। स्थानीय लोगों को जावर माइंस में कार्य करने हेतु कुशल करने के लिए एक प्रशिक्षण केंद्र खोला जाए।.स्थानीय पीड़ित लोगों की मूलभूत आवश्यकताओं के विकास का विशेष ध्यान दिया जाए । जावर माइंस हॉस्पिटल को पूर्व की भांति गहनइकाई में विकसित किया जाए । शिक्षा में सुधार हेतु केंद्रीय स्कूल खोले जाए । जावर माइंस के पीड़ित क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था की जाए पद सभी मांगों को लेकर पहले भी प्रशासन ने आश्वासन दिया लेकिन अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई धरने पर डॉ.अमृत मेनारिया, दीपक मीणा,रमेश मीणा झाबला ,राजेश मीणा ,रमेश कानपूर राजकुमार मीणा ,कन्हैया लाल, कैलाश मीणा,विजय राम मीणा , बंशी लाल, महेंद्र, रूप लाल ,कचरू लाल सहित सेंकड़ों लोग मौजूद है
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