24 न्यूज़ अपडेट उदयपुर। हम हमेशा यही सोच कर चिंतित रहते है कि दूसरे व्यक्तियों के पास क्या है, उनकी संपन्नात और सुख सुविधाओं को देख कर ही दुखी रहते है, यदि हम अपने से नीचे और वंचित लोगों को देखेंगे तो हमे अपनी वर्त मान स्थिति और उपलब्धि का भान होता है, हम इसके लिए सदा ईश्वर का धन्यवाद और आभार प्रकट करना चाहिए, हमे सभी को साथ ले कर सोचना और चलना चाहिए। हमे प्रकृति के साथ मिल जुल कर रहना चाहिए और हार्टफुलनेस ध्यान हमें प्रकृति के साथ रहने, ध्यान के द्वारा सभी से जुड़ने और जीवन में दिल की बात सुन कर अपने लक्ष्य को प्राप्त करने का सरल रास्ता दिखाता है। सी टी ऐ ई के नव आगंतुक छात्र छात्राओं को इंडक्शन प्रोग्राम में संबोधित करते हुए एम पी यु ऐ टी के कुलपति डॉ अजीत कुमार कर्नाटक ने यह बात कही। उन्होंने गौतम बुद्ध, स्वामी विवेकानंद इत्यादि का उदाहरण देते हुए युवा विधार्थियों को आत्म बल, आत्म विश्वास और ईश्वर के बताये अध्यात्मिकता जीवन को अपनाने की बात कही।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, हार्टफुलनेस शोध संस्थान के निदेशक एवं मैसूर विश्वविद्यालय के प्रो मोहन दास हेगड़े ने बताया कि हार्टफुलनेस ध्यान से हम अंदर से भी शांत, संतुष्ट और पूर्ण रूप से संतुलित महसूस करते हैं। हममे से अधिकांश लोग अपनी खुशी के लिए भी दूसरों पर निर्भर हैं जबकि हमारी खुशी हमारे भीतर ही है, जरूरत है अपने दिल की आवाज सुनाने की। । जरूरत है अपने भीतर से जुड़ने की, स्वयं को जानने की और अपने लाइफ फोर्स को जगाने की। हमारा अस्तित्व और जीवन का उद्देश्य क्या है यह हम जान सकते हैं और उसे सरलता से अपनी इच्छा नुसार बना सकते है। उन्होंने राजयोग पध्यति पर आधारित हार्टफुलनेस ध्यान का अभ्यास भी करवाया।
ऐश्वर्या कॉलेज में वरिष्ठ प्रशिक्षक प्रो के के सक्सेना ने प्रो हेगड़े का जीवन परिचय दिया। जोनल कॉर्डिनेटर श्रीमती मधु मेहता ने स्वागत उद्बोधन दिया। इंडक्शन प्रोग्राम में सी टी ऐ ई के अधिष्ठाता डॉ अनुपम भटनागर और संचालक डॉ विक्रमादित्य दवे ने भी विधार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि राधा अष्टमी और महर्षि दधीचि की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम के महत्व पर प्रकाश डाला। प्रशिक्षक श्रीमती आशा शर्मा ने गाईडेड रिलेक्सेशन का अभ्यास करवाया। हार्टफुलनेस से व्यक्तित्व विकास विषय पर महाविद्यालय की प्राचार्या श्रीमती पालीवाल ने विधार्थियों को संबोधित किया एवं वरिष्ठ फेकल्टी सदस्य श्री महेंद्र ने कार्यक्रम का संचालन किया। श्री मोहन बोराणा और डॉ सुबोध शर्मा ने धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रोग्राम में वरिष्ठ अभ्यासी और आश्रम प्रबंधक श्री नरेंद्र मेहता और भाई कपिल का सहयोग सराहनीय रहा।
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