24 न्यूज़ अपडेट उदयपुर। प्रसिद्ध हास्य धारावाहिक के निर्देशक रुषि मेहता ने कहा कि कठिन परिश्रम का कोई विकल्प नहीं है।इसी के ज़रिए क्षेत्र में सफलता अर्जित की जा सकती है। रुषि मोहनलाल सुखाडिय़ा विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के विद्यार्थियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि एक हास्य धारावाहिक को लगातार डेढ़ दशक तक चलाना बहुत मुश्किल भरा काम होता है। इसके लिए कठिन परिश्रम मज़बूत और सशक्त अभिनय के साथ ही एक मज़बूत प्रोडक्शन टीम की भी ज़रूरत होती है और इसी वजह से इतने सालों के बाद भी यह यह धारावाहिक रेटिंग की दृष्टि से दर्शकों की पसंद बना हुआ है।
विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि कुछ पात्रों के चेहरे बदल जाने से और नए कलाकारों के आने से धारावाहिक की रेटिंग पर कोई असर नहीं पड़ता है हालाँकि दर्शकों के लिहाज़ से देखें तो जो पात्र एक बार नज़र में जम जाता है उसे एक दम भुलाना मुश्किल होता है। उन्होने कहा कि दयाबेन पिछले 7 सालों से स्वास्थ्य कारणों से अवकाश पर है लेकिन दर्शकों को अभी भी आशा है कि वे वापसी कर सकती है। दवे ने कहा कि हास्य $िफल्मेँ और हास्य धारावाहिक बनाना प्रॉडक्शन की दृष्टि से बेहद मुश्किल कार्य होता है क्योंकि दर्शकों को हँसाना कोई आसान काम नहीं है और ऐसे में हम लोग तो हर रोज़ कड़ी मेहनत करते हैं इसलिए हमारे चुनौतियां ज़्यादा होती है। उन्होंने कहा कि ओटीटी प्लैट$फॉर्म टेलिविज़न को चुनौती दे रहा है और भविष्य में यह चुनौती बड़ी भी हो सकती है इसके लिए हमें अभी से तैयारी करनी होगी। पत्रकारिता के विद्यार्थियों से उन्होंने कहा कि यदि वे टीवी प्रोडक्शन में भाग्य आज़माना चाहते हैं तो इसके लिए कठिन परिश्रम के साथ ही धीरज की आवश्यकता भी होती है क्योंकि $िफल्म और टीवी प्रोडक्शन का कार्य बेहद लंबा और थकाऊ होता है द्य ऐसे में प्रोडक्शन टीम को और कलाकारों को बेहद धीरज रखना होता है। दवे ने कहा कि वे दूसरी बार उदयपुर आए हैं और उन्होंने उदयपुर के प्राकृतिक सौंदर्य को बहुत नज़दीक से महसूस किया है उन्होंने कहा कि जल्द ही कभी अवसर मिला तो यहाँ पर भी शूटिंग का कार्यक्रम बना सकते हैं। इस संवाद कार्यक्रम की शुरुआत में पत्रकारिता विभाग के अध्यक्ष डॉक्टर कुंजन आचार्य रूषि दवे का स्वागत करते हुए उनका परिचय दिया।
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