24 न्यूज अपडेट उदयपुर। राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेरसिंह चौहान की अगुवाई में एक प्रतिनिधि मंडल ने राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के राज्य परियोजना निदेशक अविरल चतुर्वेदी से मुलाकात कर प्रदेश के स्कूलों, शिक्षक प्रशिक्षण शिविरों की गुणवत्ता बढ़ाने एवं बालको से जुड़ी हुई समस्याओं पर वार्ता कर 5 सूत्री मांग पत्र सौंपा । संघ के प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने बताया कमिश्नर स्कूल शिक्षा परिषद को सौंपे ज्ञापन में प्रदेश के सभी भवन विहिन स्कूलों में नये भवन बनाने तथा जर्जर स्कूलों के कक्षा कक्षों की मरम्मत कराते हुए सभी स्कूलों में पेयजल शौचालय की माकूल व्यवस्था कराए जाने,राजकीय विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को वर्तमान नए सत्र से स्कूल ड्रेस हेतु कपड़े की बजाय सिली हुई यूनिफॉर्म तथा स्कूल बैग उपलब्ध कराये जाने की मांग रखी।प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने परियोजना निदेशक को बताया कि स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा प्रतिवर्ष कंपोजिट स्कूल ग्रांट सहित विभिन्न गतिविधियों की राशियां संचालन पोर्टल पर भुगतान एवं क्रियान्वयन हेतु इंप्लीमेंटिंग एजेंसी की अंतिम इकाई अथवा पेमेनेजर पर रजिस्टर्ड डीडीओ को रखकर प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय की स्वतंत्रता को समाप्त कर दिया है। प्रदेश के प्राइमरी और मिडिल स्कूल को विभिन्न गतिविधियों के भुगतान हेतु संबंधित पीईईओ को बिल प्रस्तुत करने होते हैं इसमें अधिकतर पीईईओ मनमानी करते हैं खुद ही सामान खरीदते हैं या बिलों के भुगतान करने में रुकावट पैदा करते हैं । ये कहें ये व्यवस्था पूरी तरीके से दूषित हो चुकी है।संघ ने इंप्लीमेंट एजेंसी की अंतिम इकाई सभी प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के संस्था प्रधानों को बनाते हुए पीईईओ के स्थान पर इनको स्वतंत्र रूप से स्कूल कंपोजिट ग्रांट सहित सभी गतिविधियों के आय व्यय के अधिकार दिलाए जाने की मांग की है। प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने बताया कि ज्ञापन में संगठन के प्रतिनिधियों ने प्रदेश भर में समय-समय पर आयोजित होने वाले शिक्षक प्रशिक्षण शिविरों में शैक्षणिक गुणवत्ता हेतु बढ़ाने हेतु उच्च वेतन श्रंखला के दक्ष प्रशिक्षक लगाने तथा भोजन की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु लंबे समय से व्यवस्थापक और ठेकेदारों को अलग कर या ब्लॉक जिला बदलकर पारदर्शिता और इनकी गुणवत्ता स्थापित कराए जाने तथा राजकीय विद्यालयों में होने वाले निर्माण कार्य की गुणवत्ता व समय पर कार्य पूर्ण करने हेतु भुगतान प्रक्रिया में संबंधित संस्था प्रधान की अनुशंसा को शामिल कराये जाने की मांग की गई हैं।प्रतिनिधि मंडल में सतीश जैन,हरीसिंह गुर्जर, स्वरूप सिंह शक्तावत,रूपलाल मीणा ,भेरूलाल कलाल कन्हैयालाल मौजूद रहे। उदयपुर। राजस्थान पंचायती राज एवं माध्यमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष शेरसिंह चौहान की अगुवाई में एक प्रतिनिधि मंडल ने राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद के राज्य परियोजना निदेशक अविरल चतुर्वेदी से मुलाकात कर प्रदेश के स्कूलों, शिक्षक प्रशिक्षण शिविरों की गुणवत्ता बढ़ाने एवं बालको से जुड़ी हुई समस्याओं पर वार्ता कर 5 सूत्री मांग पत्र सौंपा । संघ के प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने बताया कमिश्नर स्कूल शिक्षा परिषद को सौंपे ज्ञापन में प्रदेश के सभी भवन विहिन स्कूलों में नये भवन बनाने तथा जर्जर स्कूलों के कक्षा कक्षों की मरम्मत कराते हुए सभी स्कूलों में पेयजल शौचालय की माकूल व्यवस्था कराए जाने,राजकीय विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को वर्तमान नए सत्र से स्कूल ड्रेस हेतु कपड़े की बजाय सिली हुई यूनिफॉर्म तथा स्कूल बैग उपलब्ध कराये जाने की मांग रखी।प्रदेश अध्यक्ष शेर सिंह चौहान ने परियोजना निदेशक को बताया कि स्कूल शिक्षा परिषद द्वारा प्रतिवर्ष कंपोजिट स्कूल ग्रांट सहित विभिन्न गतिविधियों की राशियां संचालन पोर्टल पर भुगतान एवं क्रियान्वयन हेतु इंप्लीमेंटिंग एजेंसी की अंतिम इकाई अथवा पेमेनेजर पर रजिस्टर्ड डीडीओ को रखकर प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालय की स्वतंत्रता को समाप्त कर दिया है। प्रदेश के प्राइमरी और मिडिल स्कूल को विभिन्न गतिविधियों के भुगतान हेतु संबंधित पीईईओ को बिल प्रस्तुत करने होते हैं इसमें अधिकतर पीईईओ मनमानी करते हैं खुद ही सामान खरीदते हैं या बिलों के भुगतान करने में रुकावट पैदा करते हैं । ये कहें ये व्यवस्था पूरी तरीके से दूषित हो चुकी है।संघ ने इंप्लीमेंट एजेंसी की अंतिम इकाई सभी प्राइमरी व मिडिल स्कूलों के संस्था प्रधानों को बनाते हुए पीईईओ के स्थान पर इनको स्वतंत्र रूप से स्कूल कंपोजिट ग्रांट सहित सभी गतिविधियों के आय व्यय के अधिकार दिलाए जाने की मांग की है। प्रदेश महामंत्री राजेश शर्मा ने बताया कि ज्ञापन में संगठन के प्रतिनिधियों ने प्रदेश भर में समय-समय पर आयोजित होने वाले शिक्षक प्रशिक्षण शिविरों में शैक्षणिक गुणवत्ता हेतु बढ़ाने हेतु उच्च वेतन श्रंखला के दक्ष प्रशिक्षक लगाने तथा भोजन की गुणवत्ता बढ़ाने हेतु लंबे समय से व्यवस्थापक और ठेकेदारों को अलग कर या ब्लॉक जिला बदलकर पारदर्शिता और इनकी गुणवत्ता स्थापित कराए जाने तथा राजकीय विद्यालयों में होने वाले निर्माण कार्य की गुणवत्ता व समय पर कार्य पूर्ण करने हेतु भुगतान प्रक्रिया में संबंधित संस्था प्रधान की अनुशंसा को शामिल कराये जाने की मांग की गई हैं।प्रतिनिधि मंडल में सतीश जैन,हरीसिंह गुर्जर, स्वरूप सिंह शक्तावत,रूपलाल मीणा ,भेरूलाल कलाल कन्हैयालाल मौजूद रहे।
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