24 न्यूज अपडेट. नगर निगम उदयपुर की ओर से आज चेतक सर्कल के पहाड़ी बस स्टेण्ड पर अतिक्रमण हटाए गए। निगम ने यहां से सड़क पर अतिक्रमण कर रखे गए ठेले हटाए, सीमेंट की बेंच ध्वस्त की और टिन टप्पर उखाड़ दिए। दुकानों के बाहर किए गए अतिक्रमण भी जेसीबी की मदद से उखाड़ दिए। महाराणा भोपाल स्टेडियम के गेट पर खड़ी बसों को भी हटाया गया। इस कार्रवाई के बाद आज फिर से निगम की कार्यशैली पर सवाल उठ खड़े हुए। इतने भारी अतिक्रमण यहां पर आखिर कैसे हो गए। क्या किसी अफसर की शह पर अतिक्रमण होने दिए गए। जब अतिक्रमण हो रहे थे तब यही अमला कहां पर था। क्या उसने आखें बंद कर ली थी। अतिक्रमण को हटाने के लिए जो संसाधन लगे हैं वो जनता के पैसों के हैं। ऐसे में सवाल तो बनता है कि जब अतिक्रमण हो रहे होते हैं तब निगम के अफसर कहां चले जाते हैं। क्यों नहीं उनके वेतन से भी पैसा काट कर वसूला जाना चाहिए। क्योंकि कार्रवाई के दौरान अतिक्रमण करने वालों के संसाधन भी बार्बाद हुए और अतिक्रमण हटाने वालों का समय और पैसा जनता के खाते से बर्बाद हुआ। जनता पूछती है कि अतिक्रमण रोधी दस्ते आखिर तनख्वाह किस बात की लेते हैं। कहीं ऐसा तो नहीं कि उनकी शह पर ही अतिक्रमण हो रहे होते हैं व बाद में राजनीतिक दबाव में अतिक्रमण हटाने पडते हैं। आखिर नगर निगम एक बार में ही अभियान चला कर पूरे शहर में अतिक्रमण चिन्हित क्यों नहीं कर लेता? अभी हो यह रहा है कि बार-बार अतिक्रमण हटाते हैं, बार बार हो जाते हैं। हर बाजार की यही कहानी हो गई है।
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