24 न्यूज़ अपडेट निंबाहेड़ा। नगर के कासोद क्षेत्र में शनिवार को गवरी नृत्य का आयोजन किया गया।
गवरी नृत्य देखने के लिए स्थानीय निवासियों सहित नगर व आसपास के गांव से बड़ी संख्या में महिलाएं पुरुष तथा बच्चों की उमड़ी भारी भीड़ में जबरदस्त उत्साह देखा गया।
कासोद क्षेत्र के निवासियों द्वारा गवरी नृत्य का आयोजन कराया गया जिसमें गवरी नृत्य के लिए मेवाड़ क्षेत्र के लगभग 35 कलाकारों को बुलाया गया।
गवरी नृत्य के कलाकारों ने गवरी नृत्य के दौरान अलग-अलग वेशभूषा पहनकर विभिन्न प्रकार के किरदार निभाये व पृथक पृथक प्रचलित कहानीयों अनुसार नाट्य कर अपनी नृत्य कला का प्रदर्शन किया।
गवरी नृत्य को पौराणिक काल का नृत्य बताया जाता है तथा यह मान्यता रहती है कि जहां पर गवरी नृत्य का आयोजन होता है उसे क्षेत्र में सुख शांति एवं समृद्धि रहती है इसी बात को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र के लोगों द्वारा गवरी नृत्य का आयोजन कराया जाता है। यह नृत्य रक्षाबंधन के दूसरे दिन से शुरू होता है जो नवरात्रि तक तक चलता है।
गवरी नृत्य को लेकर यह भी कथन प्रचलित है कि भील समाज में पार्वती को बहन-बेटी की तरह मानते हैं और समाज में मान्यता हैं कि भादो महीने में भगवान शिव के साथ माता पार्वती धरती पर भ्रमण के लिए आती हैं. ऐसे में गवरी नृत्य के विविध नाट्यों के द्वारा आदिवासी भील समाज के लोग उन्हें खुश करने के लिए इस नृत्य को करते है।
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