24 News update udaipur उदयपुर: जल संसाधन विभाग, उदयपुर ने प्रताप गौरव केंद्र, देवली (बड़गांव तहसील) में जल संचयन संरचना सह रिटेनिंग वॉल के निर्माण के लिए वित्तीय निविदा जारी की है। इस परियोजना का अनुमानित खर्च ₹2,63,94,349 रखा गया है और इसे 6 महीने (बरसात के मौसम सहित) में पूरा करना होगा।
निविदा से जुड़ी प्रमुख जानकारी
| बिंदु | विवरण |
|---|---|
| परियोजना का नाम | प्रताप गौरव केंद्र, देवली में जल संचयन संरचना एवं रिटेनिंग वॉल निर्माण |
| बोली संख्या | 08/2024-25 |
| परियोजना लागत | ₹2,63,94,349 |
| बोली सुरक्षा (EMD) | ₹5,27,890 (2% सामान्य बोलीदाता के लिए), ₹1,31,972 (0.5% पंजीकृत ठेकेदारों के लिए) |
| निविदा दस्तावेज की लागत | ₹5,000 |
| निविदा डाउनलोड करने की अवधि | 13 मार्च 2025 से 1 अप्रैल 2025 (शाम 6 बजे तक) |
| बोली जमा करने की अंतिम तिथि | 1 अप्रैल 2025 (शाम 6 बजे तक, ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से) |
| वित्तीय निविदा खुलने की तिथि | 2 अप्रैल 2025 (दोपहर 3 बजे) |
| परियोजना पूर्णता अवधि | 6 महीने (बरसात के मौसम सहित) |
परियोजना की विशेषताएँ और तकनीकी विवरण
➡ संरचना का उद्देश्य: इस जल संचयन प्रणाली का उद्देश्य वर्षाजल को संरक्षित करना, भूजल पुनर्भरण को बढ़ावा देना और बाढ़ नियंत्रण में सहायता करना है।
➡ निर्माण कार्य: इसमें रिटेनिंग वॉल, वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर, जल निकासी प्रणाली और अन्य संबंधित कार्य शामिल होंगे।
➡ तकनीकी आवश्यकताएँ: ठेकेदारों को जल संसाधन विभाग के BSR 2023 नियमों का पालन करना होगा।
➡ सुरक्षा जमा: सफल बोलीदाता को 10% सुरक्षा राशि जमा करनी होगी, जो कार्य पूर्णता तक मान्य रहेगी।
➡ कार्यस्थल की स्थिति: निर्माण स्थल उदयपुर से लगभग 10 किमी दूर स्थित है और टाइगर हिल्स के पास पड़ता है।
निविदा प्रक्रिया और शर्तें
- बोली जमा करने की प्रक्रिया:
- इच्छुक बोलीदाता ई-गवर्नेंस पोर्टल से निविदा दस्तावेज डाउनलोड कर सकते हैं।
- ई-ग्रास पोर्टल के माध्यम से निविदा शुल्क, प्रोसेसिंग फीस और EMD का भुगतान किया जाना अनिवार्य है।
- तकनीकी मानदंड:
- ठेकेदार को जल संसाधन निर्माण में न्यूनतम अनुभव होना चाहिए।
- निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा (6 महीने, जिसमें बरसात का समय भी शामिल है) के भीतर पूरा किया जाना आवश्यक है।
- अनिवार्य दस्तावेज:
- वैध पंजीकरण प्रमाण पत्र
- जीएसटी क्लियरेंस प्रमाण पत्र (31.12.2024 तक वैध)
- पूर्व में किए गए समान कार्यों की सूची
परियोजना से होने वाले लाभ
✔ भूजल पुनर्भरण – इस जल संचयन प्रणाली से भूजल स्तर को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय जल संकट कम होगा।
✔ जल संरक्षण – बारिश के पानी को संरक्षित कर सिंचाई और पीने के पानी की समस्या को कम किया जा सकेगा।
✔ बाढ़ नियंत्रण – अत्यधिक वर्षा के दौरान पानी के प्रवाह को नियंत्रित कर कटाव से बचाव किया जाएगा।
✔ पर्यावरणीय सुधार – जल संरक्षण प्रणाली पर्यावरण अनुकूल होगी और इससे क्षेत्र की जैव विविधता को भी लाभ होगा।
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