24 News Update उदयपुर। उदयपुर की उमरड़ा ग्राम पंचायत के सैकड़ों ग्रामीणों ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्री के बाहर विरोध प्रदर्शन करते हुए प्रस्तावित रेलवे यार्ड निर्माण के लिए की जा रही भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया को तत्काल रोकने की मांग की। ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर कहा कि अधिग्रहण प्रक्रिया से अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के लगभग 200 परिवारों की आजीविका संकट में आ जाएगी।
ग्रामीणों के अनुसार उत्तर पश्चिम रेलवे द्वारा उमरड़ा गांव की लगभग 137.401 हेक्टेयर भूमि को “स्वच्छता सुविधा एवं विकास कार्यों” के नाम पर अधिग्रहित किया जा रहा है, जिसमें अधिकांश भूमि आबादी क्षेत्र व खातेदार किसानों की है। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि बिना स्थानीय जनसुनवाई और वैकल्पिक मार्ग तलाशे अधिग्रहण की यह प्रक्रिया ग्रामीणों के जीवन, रोजगार और भविष्य को खतरे में डाल रही है। ग्रामीण प्रभुलाल प्रजापत ने कहा कि यह क्षेत्र पहले से ही परमाणु ऊर्जा विभाग द्वारा ‘उमरड़ा ग्रोथ सेंटर – यूरेनियम ज़ोन’ के रूप में अधिसूचित है, जहां कई विकास परियोजनाएं प्रस्तावित हैं। ऐसे में इस भूमि का अधिग्रहण ग्रामीणों के सामाजिक और आर्थिक अधिकारों का हनन है। ज्ञापन में ग्रामीणों ने यह भी बताया कि क्षेत्र की अधिकांश जमीन अनुसूचित जाति एवं जनजाति समुदायों की पुश्तैनी खातेदारी भूमि है, जिसे अधिग्रहित कर देना संविधान की भावना और सामाजिक न्याय के विरुद्ध है।
वैकल्पिक भूमि का सुझाव:
ग्रामीणों ने मांग की कि रेलवे यार्ड के लिए आसपास की सरकारी अकृषि भूमि जैसे उमरड़ा रेलवे स्टेशन के दक्षिण-पश्चिम दिशा में स्थित खाली भूमि या खारव रेलवे स्टेशन के पास की जमीन को अधिग्रहण के लिए चुना जाए। ये भूमि यार्ड निर्माण के लिए उपयुक्त हैं और इससे किसी की आजीविका प्रभावित नहीं होगी। ग्रामीणों ने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने जल्द ही सकारात्मक निर्णय नहीं लिया, तो वे संघर्ष को और तेज करेंगे।
उमरड़ा के ग्रामीणों ने किया कलेक्ट्री पर प्रदर्शन, रेलवे यार्ड के भूमि अधिग्रहण का विरोध, 137 हेक्टेयर भूमि में अधिकतर खातेदार और आबादी क्षेत्र शामिल, ग्रामीणों की आजीविका पर संकट

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