24 News Update उदयपुर। झीलों की नगरी उदयपुर इन दिनों कला और संस्कृति के अद्भुत संगम से सराबोर है। विश्व वास्तुकला दिवस के उपलक्ष्य में यहां शुरू हुआ दस दिवसीय कला उत्सव “रंगत – रास्ता री…” कलाकारों, विद्यार्थियों और शहरवासियों के लिए रचनात्मकता का खुला मंच बन गया है।
उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) के तत्वावधान में अर्बन स्केचर्स उदयपुर, क्रिएटिव सर्किल और ऐसा फॉर यू संस्थाओं के सहयोग से आयोजित इस आयोजन ने शहर के आरटीओ अंडरपास को रंगों से जीवंत कर दिया है। दीवारों पर मेवाड़ी संस्कृति, गवरी, गणगौर, लोक नृत्य, हस्तकला और ग्रामीण जीवन की झांकियां उकेरी गई हैं। करीब 100 से अधिक कलाकारों, विद्यार्थियों और स्थानीय नागरिकों ने मिलकर इन चित्रों के माध्यम से मेवाड़ की समृद्ध परंपरा को नया जीवन दिया है।
कला के रंगों में सजी नागरिक भागीदारी
रंग-ब्रश के इस उत्सव में हर चित्र उदयपुर की आत्मा को प्रतिबिंबित कर रहा है। कलाकारों ने न केवल लोककला के रंग भरे, बल्कि शहर को सजाने-संवारने की दिशा में भी सक्रिय भूमिका निभाई। यूडीए आयुक्त राहुल जैन ने कहा — “उदयपुर की पहचान सिर्फ झीलों और महलों से नहीं, बल्कि उसकी रचनात्मक आत्मा से भी होती है। ‘रंगत – रास्ता री…’ उत्सव नागरिकों की सहभागिता से शहर की सुंदरता को नया आयाम दे रहा है। यह पहल उदयपुर को सांस्कृतिक और सौंदर्य दृष्टि से और समृद्ध बनाएगी।”
वास्तुकला पर संवाद और सीख का मंच
वास्तुकला दिवस के अवसर पर आयोजित विशेष कार्यशाला में विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को बताया कि वास्तुकला केवल भवन निर्माण नहीं, बल्कि जीवन, संस्कृति और पर्यावरण के संतुलन का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि आधुनिक विकास में पारंपरिक वास्तुकला की आत्मा को बनाए रखना ही असली चुनौती है।
आने वाले दिनों में विशेष गतिविधियाँ
आयोजकों के अनुसार आगामी दिनों में पेंटिंग वर्कशॉप, लाइव आर्ट, म्यूजिक सेशन और लोक कलाकारों के प्रदर्शन होंगे। उत्सव का उद्देश्य शहर को ‘ओपन गैलरी’ के रूप में विकसित करना है, जहाँ हर दीवार, हर मोड़ कला की कहानी कहे।
विश्व वास्तुकला दिवस पर उदयपुर में सजा रंगों का उत्सव — “रंगत: रास्ता री…” में झलकी मेवाड़ी परंपरा और लोकजीवन की झलक

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