उदयपुर, 24 न्यूज अपडेट। उदयपुर विकास प्राधिकरण (यूडीए) ने 500 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की विवादित जमीनों के अनुमोदन, आवंटन और पट्टों के हस्तांतरण पर रोक लगा दी है। इनमें रूपनगर, भुवाणा, नला फलां, ढीकली, वाडा और सीसारमा के कालारोही क्षेत्र की कई प्रमुख जमीनें शामिल हैं।
UDA गड़बड़ियों पर सख्त प्रशासन, तत्काल रोक के आदेश
यूडीए आयुक्त राहुल जैन ने इस मामले में सख्त कार्रवाई करते हुए उप पंजीयक प्रथम-द्वितीय, बड़गांव, गिर्वा और कुराबड़ तहसीलदारों को आदेश जारी किए हैं। इसके साथ ही, उन्होंने कलेक्टर नमित मेहता को पत्र लिखकर वित्तीय अनियमितताओं से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी है। ऑडिट रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि प्लान अनुमोदन, आवंटन पत्र और पट्टों के जारी करने में गंभीर अनियमितताएं की गई थीं।
कैसे हुआ 500 करोड़ रुपये का घोटाला?
यूडीए के तत्कालीन दो सचिवों, विशेषाधिकारी और उप नगर नियोजक ने 13 भू-माफियाओं के साथ मिलकर कई प्रमुख इलाकों की 9 विवादित जमीनों के प्लान अनुमोदन, आवंटन पत्र और लीज डीड जारी कर दी थीं। इस प्रक्रिया में 60:40 नियम की खुलकर अनदेखी की गई। नियम के मुताबिक, किसी भी योजना में 40 प्रतिशत भूमि सार्वजनिक सुविधाओं जैसे कि सड़क, पार्क, प्राथमिक चिकित्सा और पार्किंग के लिए आरक्षित होनी चाहिए, लेकिन इन अधिकारियों ने पूरी जमीन को प्लॉटिंग में डालकर यूडीए को करीब 530.40 करोड़ रुपये की राजस्व हानि पहुंचाई।
अब आगे क्या?
प्रशासन अब इस घोटाले से जुड़े सभी दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रहा है। दोषी अधिकारियों और भू-माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। यूडीए के इस कदम से भविष्य में होने वाले भूमि घोटालों पर भी प्रभावी नियंत्रण की उम्मीद जताई जा रही है।

