24 News Update भटेवर। राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों के संस्था प्रधानों की शैक्षिक सत्रारंभ वाक्पीठ का दो दिवसीय आयोजन शुक्रवार एवं शनिवार को डबोक स्थित गीतांजलि टेक्निकल इंस्टीट्यूट में आयोजित हुआ, जिसमें मावली और खेमली ब्लॉक के लगभग सभी विद्यालयों के प्राचार्य उपस्थित रहे। यह मंच विचार-विमर्श, नीति क्रियान्वयन और शैक्षिक उत्कृष्टता की दिशा में सामूहिक चिंतन का केंद्र बना।
संस्कृति, संवाद व सेवा पर सार्थक वार्ताएं
प्रातः सत्र में गायत्री शक्तिपीठ के संभाग संयोजक अर्जुन सनाढ्य ने ‘संस्कारित शिक्षा’ विषय पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि “शिक्षक न केवल ज्ञानदाता, बल्कि संस्कार निर्माता भी है। हमें बच्चों को भारतीय संस्कृति से जोड़ना होगा ताकि वे चरित्रवान नागरिक बन सकें।” उन्होंने भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा में जिले की राष्ट्रीय स्तर पर चौथी रैंक को गर्व का विषय बताते हुए शिक्षकों से इसमें अधिकाधिक विद्यार्थियों को सम्मिलित कराने का आह्वान किया। डॉ. यशवंत आमेटा ने अहिंसात्मक संप्रेषण एवं सुगमकर्ता शिक्षक विषय पर विचार साझा करते हुए कहा कि संवाद की कला से ही शांति और सकारात्मकता पनपती है। राजस्थान स्काउट एंड गाइड के संभागीय कमिश्नर गोपाल मेहता मेनारिया ने विद्यार्थियों में सेवा भाव विकसित करने के लिए स्काउटिंग गतिविधियों की महत्ता बताई।
संरचनात्मक समस्याओं पर चिंता, समाधान की पहल
वाक्पीठ के समापन सत्र में मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार सुथार ने सभी प्राचार्यों से जर्जर भवनों की सूची फोटो व प्रस्ताव सहित कार्यालय तक सोमवार तक भिजवाने के निर्देश दिए ताकि आवश्यक मरम्मत व निर्माण के लिए विभागीय कार्यवाही प्रारंभ हो सके। संस्था प्रमुखों ने आग्रह किया कि भवनों का निरीक्षण योग्य अभियंताओं द्वारा कराया जाए ताकि यथार्थ रिपोर्ट तैयार की जा सके। कार्यक्रम में वक्ताओं ने हाल ही में स्कूल भवन गिरने से हुई दुखद घटनाओं का उल्लेख करते हुए शोक व्यक्त किया। सभी ने दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत विद्यार्थियों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
प्रतिभाओं का सम्मान: छात्रों व अभिभावकों को मंच पर बुलाया गया
विभिन्न विद्यालयों के उन विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया जिन्होंने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में उल्लेखनीय परिणाम प्राप्त किए। बच्चों के साथ उनके अभिभावकों को भी मंच पर आमंत्रित कर प्रशस्ति पत्र भेंट किए गए। कई विद्यार्थियों ने मंच से अपने अनुभव साझा करते हुए अपने संघर्ष, शिक्षकों के योगदान और आत्मविश्वास की कहानियाँ सुनाईं। मुख्य अतिथि श्यामलाल आमेटा (जिला कांग्रेस देहात महासचिव), धुलीराम डांगी (प्रगतिशील शिक्षक संघ के प्रदेश सभाध्यक्ष), अतिरिक्त ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रकाश चंद्र चौधरी, आरपी पंकज जोशी सहित अन्य अतिथियों ने शिक्षा में गुणवत्ता सुधार और ढांचागत विकास पर जोर दिया। शुक्रवार को वाक्पीठ का उद्घाटन मुख्य ब्लॉक शिक्षा अधिकारी प्रमोद सुथार की अध्यक्षता और भाजपा मावली विधानसभा प्रभारी कृष्ण गोपाल पालीवाल के मुख्य आतिथ्य में हुआ। विशिष्ट अतिथि के रूप में भाजपा डबोक मंडल अध्यक्ष जीवन सिंह राव उपस्थित रहे। अपने वक्तव्य में पालीवाल ने कहा कि सरकार विद्यालयों के जर्जर कक्षों की मरम्मत के लिए प्रयासरत है तथा 32 नए कक्षा-कक्ष स्वीकृत हुए हैं।
उद्देश्य और संचलन
प्रमोद सुथार ने अपने उद्बोधन में कहा कि वाक्पीठ आयोजन का उद्देश्य सत्रारंभ से पूर्व शैक्षणिक योजना, समस्याओं और समाधान पर साझा चिंतन करना है। उन्होंने पीईईओ से विद्यालयों के मध्य समन्वय की बात करते हुए कहा कि किसी भी विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था बाधित नहीं होनी चाहिए। उन्होंने नवोदय परीक्षा हेतु प्रत्येक पंचायत से कम से कम 10 आवेदन भरवाने का निर्देश भी दिया। कार्यक्रम का संचालन सभाध्यक्ष मोहनलाल स्वर्णकार एवं वाक्पीठ सचिव मोहन सोनी ने किया। स्वागत व प्रबंधन की जिम्मेदारी उमेश माहेश्वरी, प्रदीप सिंह नेगी, राजेंद्रसिंह डलावत, मनोज समदानी, दिनेश सिंह, शक्ति सिंह रावल, दीपक तलेसरा, भूपेंद्र कौर, मीठालाल लौहार सहित कार्यकारिणी सदस्यों ने निभाई। आभार ज्ञापन प्रदीपसिंह नेगी ने किया।
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