24 News Update उदयपुर। स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) ने जूनियर क्लर्क बनने वाले दो आरोपियों को शुक्रवार दोपहर गिरफ्तार किया है। ये दोनों आरोपी राजस्थान हाईकोर्ट की कनिष्ठ न्यायिक सहायक लिपिक ग्रेड सेकेंड और लिपिक ग्रेड सेकेंड के पदों पर सीधी भर्ती के लिए आयोजित संयुक्त प्रतियोगी परीक्षा-2022 में ब्लूटूथ डिवाइस से नकल कर पास हुए थे।
एसओजी एवं एटीएस के एडीजी वी.के. सिंह ने बताया कि राकेश जाखड़ (24), पुत्र चैनाराम जाखड़ निवासी कुचेरा, नागौर और ओमप्रकाश जाट (30), पुत्र घासीराम जाट निवासी कुचेरा, नागौर को गिरफ्तार किया गया है। राकेश जाखड़ वर्तमान में अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम संख्या-4 उदयपुर में पदस्थ था। वह पिछले करीब 8 महीने से स्वैच्छिक अनुपस्थिति में फरार चल रहा था। उसके छोटे भाई बीरबल जाखड़ को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। वहीं, ओमप्रकाश जाट अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम संख्या-1 ब्यावर में कार्यरत था और लगभग 7 महीने से फरार था।
एसओजी ने बताया कि नकल गिरोह के मास्टर माइंड पौरव कालेर के माध्यम से राकेश और ओमप्रकाश को 5-5 लाख रुपए में नकल करवाकर परीक्षा पास कराने का सौदा हुआ था। राकेश का परीक्षा केंद्र अजमेर के गीत गणपति प्राइवेट आईटीआई था, जबकि ओमप्रकाश का केंद्र नागौर के गीत श्रीमती रतन बहन राजमल चौधरी राजकीय बालिका सीनियर सैकंडरी स्कूल में था।
पौरव कालेर ने मोबाइल के जरिए दोनों आरोपियों को परीक्षा के दौरान ब्लूटूथ डिवाइस से उत्तर भेजवाए थे। इस प्रकार की नकल के चलते दोनों आरोपी कनिष्ठ न्यायिक लिपिक (ग्रेड-द्वितीय) के पद पर चयनित हो गए।
एसओजी ने बताया कि राकेश जाखड़ और ओमप्रकाश जाट पिछले करीब 6 महीने से फरार चल रहे थे और अब उनके गिरफ्तारी से मामले की जांच और गहराई से की जाएगी। यह कार्रवाई न्यायिक प्रक्रिया की निष्पक्षता और प्रतियोगी परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता सुनिश्चित करने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।
5 लाख देकर ब्लूटूथ से नकल कर जूनियर क्लर्क बने दो आरोपी गिरफ्तार, इनमें से एक उदयपुर कोर्ट में पदस्थ, एसओजी की कार्रवाई

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