24 न्यूज अपडेट. उदयपुर। उदयपुर विकास प्रन्यास (यूआईटी) के तत्कालीन सचिव नितेन्द्रपाल सिंह को राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया है। यह निलंबन उनकी सेवानिवृत्ति के आखिरी दिन, शुक्रवार को किया गया। सिंह के खिलाफ मिली शिकायतों के आधार पर सरकार ने यह सख्त कदम उठाया। आपको बता दें कि इस बारे में खबर 24 न्यूज अपडेट मे ंचलाए जाने के बाद से तीन दिन से खलबली मची हुई थी। हमारे पास सैंकड़ों लोगों ने संपर्क कर इस मामले में जानकारी ली जिसमें कई पुलिस अधिकारी भी शामिल थे। इस एक्सक्लूसिव खबर की गूंज पीमओ व सीमएओ तक भी रही। आज खबर का जबर्दस्त असर हुआ है व आरोपी को निलंबित किया गया है।
सांसद मन्नालाल रावत के पत्र के बाद कार्रवाई तेज
सांसद डॉ. मन्नालाल रावत ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को पत्र लिखकर नितेन्द्रपाल सिंह और अन्य अधिकारियों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की थी। इस पत्र के साथ उन्होंने सूत्रों से प्राप्त रिपोर्ट भी संलग्न की थी, जिसमें सिंह के कार्यकाल के दौरान हुए अनियमितताओं और घोटालों का उल्लेख था।
1000 करोड़ से अधिक का घोटाला और अनियमितताएं
मीडिया रिपोर्ट्स और 2022-24 के लेखा अंकेक्षण प्रतिवेदन के अनुसार, उदयपुर विकास प्रन्यास (यूआईटी) के अधिकारियों पर 1000 करोड़ रुपये से अधिक के घोटाले का आरोप है। साथ ही, नियमों के विपरीत कई प्लानिंग अनुमोदन देने का भी मामला सामने आया है।
सरकारी रिपोर्ट और आगामी कार्रवाई
स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग, उदयपुर ने इस संबंध में अंकेक्षण रिपोर्ट जारी की है। उदयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त सहित कई अधिकारियों ने इस रिपोर्ट का सारांश प्रस्तुत कर संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की सिफारिश की है। साथ ही, इस मामले की विस्तृत अंकेक्षण रिपोर्ट तैयार करने की भी मांग की गई है। सांसद डॉ. मन्नालाल रावत द्वारा मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र के बाद सरकार ने इस मामले में तत्परता दिखाई और नितेन्द्रपाल सिंह के निलंबन का आदेश जारी किया।
आदेश में लिखा गया है कि नितेन्द्रपाल सिंह, आर.ए.एस., तत्कालीन सचिव, उदयपुर विकास प्राधिकरण, उदयपुर के विरूद्ध राजस्थान सिविल सेवाएँ (वर्गीकरण, नियन्त्रण एवं अपील) नियम, 1958 के नियम 16 के अन्तर्गत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित / विचाराधीन है। अतः राज्य सरकार राजस्थान सिविल सेवाएँ (वर्गीकरण, नियन्त्रण एवं अपील) नियम, 1958 के नियम 13 के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए श्री नितेन्द्रपाल सिंह, आर.ए.एस तत्कालीन सचिव, उदयपुर विकास प्राधिकरण, उदयपुर को तुरन्त प्रभाव से निलम्बित किये जाने के एतदद्वारा आदेश प्रदान करती है। नितेन्द्रपाल सिंह, आर.ए.एस., तत्कालीन सचिव, उदयपुर विकास प्राधिकरण, उदयपुर का निलम्बन काल में मुख्यालय शासन सचिव, कार्मिक विभाग, शासन सचिवालय, जयपुर के कार्यालय में रहेगा। नितेन्द्रपाल सिंह, आर.ए.एस., तत्कालीन सचिव, उदयपुर विकास प्राधिकरण, उदयपुर को निलम्बन अवधि में उनके अवकाश वेतन के बराबर उस सीमा तक यदि वे अर्द्ध वेतन अवकाश पर रहते, के बराबर निर्वाह भत्ता एवं ऐसे वेतन पर अन्य भत्ते नियमानुसार देय होगें। राज्यपाल की आज्ञा से आदेश (महेश कुमार मीणा) शासन उप सचिव ने जारी किया है।
अनियमितताओं के प्रकार और प्रभाव
| अनियमितता का प्रकार | संभावित वित्तीय प्रभाव (₹ में) | प्रभावित विभाग / प्रक्रिया |
|---|---|---|
| नियम विरुद्ध प्लान अनुमोदन | 676.25 करोड़ | भू-व्यवसायिक आवंटन |
| वित्तीय अनियमितता | 1000 करोड़ (अनुमानित) | राजस्व विभाग |
| नियमों का उल्लंघन | अज्ञात | लीजडीड जारी करने की प्रक्रिया |
सांसद द्वारा उठाए गए प्रमुख बिंदु
| मांगें | उद्देश्य |
|---|---|
| नितेन्द्रपाल सिंह पर 16 सीसीए के तहत चार्जशीट | सेवानिवृत्ति से पहले अनुशासनात्मक कार्रवाई सुनिश्चित करना |
| विस्तृत अंकेक्षण रिपोर्ट तैयार हो | सभी अनियमितताओं की जांच करना |
| विभागीय उच्च स्तर की टीम द्वारा जांच | भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई के लिए |
| घोटाले में शामिल अन्य अधिकारियों पर कार्रवाई | भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकना |
सांसद द्वारा भेजे गए दस्तावेज़
| दस्तावेज़ का नाम | संक्षिप्त विवरण |
|---|---|
| लेखा अंकेक्षण रिपोर्ट (2022-24) | वित्तीय अनियमितताओं और राजस्व हानि का विवरण |
| तथ्यात्मक रिपोर्ट | भ्रष्टाचार और नियम उल्लंघन का विश्लेषण |
| मीडिया रिपोर्ट्स | घोटाले की विस्तृत जानकारी |
सांसद श्री रावत ने पत्र में बताया कि उन्हें सूत्रों से जानकारी मिली है कि उदयपुर विकास प्राधिकरण, उदयपुर की वर्ष 2022-24 के लेखा अंकेक्षण प्रतिवेदन, तथ्यात्मक रिपोर्ट विभिन्न मीडिया रिपोर्ट के अनुसार उदयपुर विकास प्रन्यास के अधिकारियों ने लगभग 1000 करोड़ से अधिक का घोटाला किया है एवं नियमों के विरुद्ध कई प्लानिंग की अनुमति दी है। सूत्रों के अनुसार इस संबंध में स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग, उदयपुर द्वारा अंकेक्षण रिपोर्ट भी जारी की है, जिसके संबंध में उदयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त सहित कई अधिकारियों ने रिपोर्ट का सारांश जारी करते हुए सरकार को प्रतिवेदन प्रस्तुत किया है कि संबंधित अधिकारियों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाए एवं विस्तृत अंकेक्षण रिपोर्ट भी तैयार की जाए, परन्तु अब तक कोई कार्यवाई नहीं की गई है।
सांसद ने पत्र में बताया कि उन्हें जानकारी मिली है कि इस संबंध में नितेन्द्रपाल सिंह तत्कालिन सचिव ने सबसे अधिक राजस्व की हानि पहुंचाई है जिनकी सेवानिवृत्ति इस माह के अंत में है। इसलिए तत्काल नितेन्द्रपाल सिंह के विरुद्ध 16 सीसीए के तहत चार्जशीट देते हुए अनुशासनत्मक कार्रवाई प्रस्तावित किये जाने के आदेश करायें ताकि विश्व के सबसे प्रसिद्ध पर्यटन नगरी उदयपुर में इस प्रकार की राजस्व हानि ना हो एवं भविष्य में संपूर्ण प्रशासन में अच्छा संदेश जाए।
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