24 News Update उदयपुर। लोक संस्कृति और जनजाति कला को बढ़ावा देने के उद्देश्य से माणिक्यलाल वर्मा आदिम जाति शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान (टीआरआई) और महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में सिटी पैलेस परिसर में तीन दिवसीय जनजाति कला प्रदर्शनी का भव्य शुभारंभ हुआ। इस आयोजन का उद्घाटन संभागीय आयुक्त सुश्री प्रज्ञा केवलरमानी, टीएडी आयुक्त शक्तिसिंह राठौड़ तथा उदयपुर राजपरिवार के सदस्य लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने किया।
प्रदर्शनी में टीआरआई के बनफूल आर्ट स्टूडियो के कलाकारों समेत अन्य जनजाति कलाकारों की विभिन्न कलाकृतियां प्रदर्शित की गईं। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार जनजाति क्षेत्र की समृद्ध कला और संस्कृति के संरक्षण के लिए लगातार कार्यरत है। जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग मंत्री बाबूलाल खराड़ी के निर्देशन में यह विभाग जनजाति कला को संबल देने में जुटा है। संभागीय आयुक्त प्रज्ञा केवलरमानी ने कहा कि आदिवासी कला, खासकर मांडना जैसी लोक कला अद्भुत है, जिसे संरक्षण देना और कलाकारों को प्रोत्साहित करना अत्यंत आवश्यक है। महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन के लक्ष्यराजसिंह मेवाड़ ने बताया कि मेवाड़ क्षेत्र में कला का संरक्षण सदियों से चलता आ रहा है और यह प्रदर्शनी इस विरासत को आगे बढ़ाने का माध्यम है। टीआरआई निदेशक ओपी जैन ने बताया कि प्रदर्शनी में मांडना चित्रकला, पक्षियों के पंखों पर चित्रकारी, काष्ठ कला समेत अन्य शिल्पकलाओं को शामिल किया गया है। प्रदर्शनी में पर्यटक न केवल कलाकृतियां देख सकते हैं, बल्कि उन्हें खरीद भी सकते हैं, जिसका पूरा लाभ सीधे कलाकारों को मिलेगा।
तीन दिनों तक चलने वाली इस प्रदर्शनी में बड़ी संख्या में देसी-विदेशी पर्यटक पहुंचे और जनजाति कला को देखकर प्रभावित हुए। उन्होंने चित्रों और शिल्पों का गहराई से अवलोकन किया और कई ने हाथों-हाथ कलाकृतियां भी खरीदीं। आदिवासी जीवन और लोकसंस्कृति के चित्रों ने पर्यटकों का मन मोह लिया। इस अवसर पर जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग, टीआरआई, महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फाउंडेशन के अधिकारी, कलाकार एवं स्थानीय गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
सिटी पैलेस में तीन दिवसीय जनजाति कला प्रदर्शनी का भव्य शुभारंभ, लोक संस्कृति और कलाकारों को मिला मंच

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