24 News Update वॉशिंगटन डीसी। सरकार की फिजूलखर्ची रोकने आए थे, लेकिन खुद का सब्र ही खर्च हो गया। जी हां, टेस्ला वाले इलॉन मस्क ने आखिरकार डोनाल्ड ट्रम्प की सरकार को “टाटा, बाय-बाय” कह दिया है। ट्विटर नहीं, अब X पर उन्होंने लिखा – “मेरा समय पूरा हुआ!” शायद ये वो पहला सरकारी कर्मचारी है जिसने खुद ही टाइम पूरा बताया, वरना सरकारी बाबू तो तब तक चिपके रहते हैं जब तक पेंशन में भी DA नहीं जुड़ जाए।
मस्क को राष्ट्रपति ट्रम्प ने बड़े भरोसे से 20 जनवरी 2025 को DOGE विभाग की कमान सौंपी थी – डिपार्टमेंट ऑफ गवर्नमेंट एफिशिएंसी। काम था सरकारी खर्चों की कैंची चलाना। पर हुआ क्या? मस्क कैंची चलाते रहे, ट्रम्प उनके फटे पर नए बिल सिलते रहे – खासकर वो वाला ‘बिग ब्यूटीफुल बिल’। मस्क बोले – “हम तो खर्चा काटने आए थे, ये तो खर्चा बढ़ाकर बिल ही बिल बना रहे हैं।”
अब मस्क ने इस्तीफा दे दिया – और वो भी कार्यकाल खत्म होने से ठीक एक दिन पहले! इसे कहते हैं ‘टेक्नोलॉजिकल टाइमिंग’। वैसे भी मस्क का X पर इस्तीफा देना, सरकारी फॉर्म में देने से कहीं ज्यादा प्रभावी था – और मुफ्त का भी।
बिल बड़ा, पर मस्क की हिम्मत छोटी पड़ गई
‘बिग ब्यूटीफुल बिल’ में क्या था?
टैक्स में कटौती, बॉर्डर पर खर्च, सेना मजबूत, कर्ज की लिमिट बढ़ाना… यानी कुल मिलाकर ट्रम्प ने ऐसा बिल बनाया जिसमें सरकार को खर्च करने के लिए क्रेडिट कार्ड थमा दिया गया। और मस्क की हालत हो गई जैसे कोई बजट में सेविंग्स प्लान लेकर आए और सामने वाला कह दे – “चलो पहले क्रेडिट कार्ड से मॉल चलते हैं!”
DOGE: एक विभाग, जिसकी Efficiency मस्क के जाने से Fuzzy हो गई
अब सवाल ये कि मस्क के जाने से क्या फर्क पड़ेगा?
सरकार बोले – “कोई फर्क नहीं पड़ेगा, विभाग चलता रहेगा।”
पब्लिक बोले – “वैसे भी कोई फर्क नहीं पड़ा था, अब भी नहीं पड़ेगा।”
DOGE बोले – “हमें तो अब तक पता ही नहीं था कि हम कर क्या रहे हैं!”
वैसे मस्क के रहते हुए DOGE ने कई विभागों की फंडिंग में कैंची चलाई, नौकरियों में कटौती की और हजारों लोगों को सड़क पर लाया। अब जनता तो यही कह रही है कि “चलो भला हुआ, अब शायद हमारी नौकरी लौट आए!”
राजनीति से मोहभंग या चंदे से मोहभंग?
इस्तीफे से एक दिन पहले मस्क ने CBS को इंटरव्यू दिया – बोले, “अब राजनीति में और नहीं घुसना। चंदा भी नहीं देना।”
यानी पहले चंदा देकर सरकार में आए, फिर सरकार से तंग आकर बाहर निकल लिए। इसे कहते हैं start-up mentality – invest किया, idea फेल हुआ, exit ले लिया। वैसे ट्रम्प की टीम भी मस्क से खफा है। 100 मिलियन डॉलर देने का वादा किया था, दिए नहीं। अब ट्रम्प के सहयोगी पूछ रहे हैं – “भाई, ये कौन सा क्रिप्टो वाला वादा था?”
डेटा सेंटर से लेकर डाटा लीक तक – हर मोर्चे पर तकरार
OpenAI को UAE में डेटा सेंटर मिला, मस्क को नहीं। नाराज़ मस्क बोले – “ट्रम्प के सलाहकार पक्षपाती हैं!”
उधर न्यूयॉर्क टाइम्स ने खबर छाप दी कि मस्क को चीन पर पेंटागन की सीक्रेट ब्रीफिंग मिलने वाली थी।
अब अमेरिका में तो ब्रीफिंग से ज्यादा लीकिंग तेज़ है। मस्क गुस्से में बोले – “जिसने लीक किया, उस पर केस करूंगा!”
पेंटागन बोला – “तो फिर चलो, दो अफसरों को ही निकाल देते हैं।”
अब मस्क क्या करेंगे?
अब मस्क फिर से अपनी पुरानी दुनिया में लौटेंगे – रॉकेट उड़ाएंगे, X पर मीम्स डालेंगे, और AI से चैट करेंगे। DOGE के बचे-खुचे अफसर अब इंतजार कर रहे हैं कि अगला बॉस कौन आएगा – कोई और अरबपति या फिर कोई सरकारी बाबू?
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