24 News Update उदयपुर। लेकसिटी का बहुप्रतीक्षित दस दिवसीय विश्वप्रसिद्ध शिल्पग्राम उत्सव इस वर्ष 21 दिसंबर से शुरू होने जा रहा है। उत्सव का शुभारंभ राजस्थान के माननीय राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े के कर कमलों से होगा। कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल गुलाबचंद कटारिया तथा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत भी शिरकत करेंगे।
तैयारियों की समीक्षा बैठक
उत्सव को सुव्यवस्थित, सुरक्षित एवं भव्य स्वरूप देने के लिए प्रशासनिक स्तर पर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। इसी क्रम में मंगलवार को शिल्पग्राम परिसर स्थित कॉन्फ्रेंस हॉल में जिला कलेक्टर के निर्देशन में एडीएम सिटी जितेंद्र ओझा की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में पर्यटकों और आमजन को बेहतर अनुभव देने हेतु यातायात, सुरक्षा, स्वच्छता, मेडिकल सुविधाओं एवं कार्यक्रम संचालन से जुड़े विषयों पर विस्तार से चर्चा हुई।
यातायात व पार्किंग पर विशेष फोकस
एडीएम ओझा ने— यातायात व्यवस्था को सुचारु रखने, पर्याप्त पार्किंग स्थल उपलब्ध कराने, आवश्यकता पड़ने पर क्रेन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। उन्होंने पर्यटकों एवं शहरवासियों की आसान पहुँच सुनिश्चित करने के लिए शिल्पग्राम तक सिटी बसों के संचालन की योजना बनाने को भी कहा। उत्सव के पहले दिन प्रवेश निःशुल्क रहेगा। एडीएम ओझा ने आगजनी और आपात स्थितियों से निपटने हेतु अग्निशमन प्रबंधों को मजबूत रखने तथा मेडिकल टीमों और एम्बुलेंस की तैनाती सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। स्वच्छता व्यवस्था को लेकर सभी स्टॉल संचालकों को कचरा पात्र अनिवार्य रूप से रखने और परिसर को साफ-सुथरा बनाए रखने के निर्देश जारी किए गए।
बैठक में रहे उपस्थित अधिकारी
पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र के निदेशक फुरकान खान, यूडीए सचिव हेमेंद्र नागर, एवीवीएनएल एसई के.आर. मीणा, पीएचईडी एसई रविन्द्र चौधरी, पर्यटन विभाग की उपनिदेशक शिखा सक्सेना, मुख्य अग्निशमन अधिकारी बाबूलाल, सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी बैठक में मौजूद रहे। गौरतलब है कि पश्चिमी क्षेत्र सांस्कृतिक कला केंद्र द्वारा आयोजित शिल्पग्राम उत्सव देशभर के शिल्पकारों और लोक कलाकारों का अद्वितीय संगम है। यहां कला, संस्कृति और परंपरा के विविध रंग पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। देशी-विदेशी पर्यटकों के साथ शहरवासियों की भारी भीड़ उत्सव को दस दिनों तक गुलजार बनाए रखती है। इस बार भी विविध सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ, लोक नृत्य, हस्तशिल्प प्रदर्शनी और ग्रामीण जीवन की झलक दर्शकों के लिए विशेष आकर्षण रहेंगी।

