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गुरू के शब्दो को सच्चा मानने वाला महान बन जाता है-संत तिलकराम महाराज

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24 News Update सागवाड़ा जयदीप जोशी। नगर के आसपुर मार्ग लोहारिया तालाब के सामने स्थित कान्हडदास दास धाम बड़ा रामद्वारा में चातुर्मास में शाहपुरा धाम रामस्नेही संत तिलकराम ने सत्संग में बताया कि गुरु के शब्दों को सच्चा मानने वाला महान बन जाता है गुरु के ज्ञान की जड़े पेड़ के समान होती है जो मजबूती प्रदान करती है ।
संत ने कहा हमें छोटा बनने पर महानता प्राप्त होती है बडो से ज्ञान प्राप्त कर जीवन सुधार लेना चाहिए । माया में शक्ति होती है जो परमात्मा को भुला देती है संसार में सभी का अंत होना है परमात्मा ही अखंड है निराकार भ्रम सब में है । सेवा किसी भी तरीके से करने पर उसका फल जरूर प्राप्त होना होता है । सत्संग सुनने वालों की कमी है सुनाने वालों की नहीं सत्संग सुनने से कर्म कटेंगे बंधन से मुक्त हो जाएंगे । शरीर कॉच जैसा है जो गिरते ही टूट जाएगा भोजन करने पर पेट भरता है और फिर खाली हो जाता है, इसी तरह हमें भी नित्य भक्ति करते रहना चाहिए जीवन में आनंद मिलता रहेगा। धन को बढ़ाना है तो धर्म में लगाना पड़ेगा इस संसार में सार तत्व राम है बाकी सब असार है । संत ने कहा जहां भक्तों की भीड़ पड़ती है तो भगवान को भी आना ही पड़ता है । संत ने बताया कि रक्षाबंधन पर राखी बाधने से पहले जब बहन तिलक करती है तो वह भाई के आत्मबल को जगाती है तिलक लगाना अपनी आत्मा की विकारों से रक्षा का प्रतीक है । तिलक लगाते समय याद रखें कि मै आत्मा हूं और बाकी सब भी मेरे सामान आत्मा है । इससे हर एक आत्मा के प्रति सम्मान, दुआएं आती है। रक्षाबंधन का एक सूत्र किसी भी पुरुष को उसे स्त्री की आत्मा तक ले जाता है जहा उसको बहन दिखती है । भाई -बहन एक दूसरे की आत्मा को बड़ी आसानी से स्पर्श करते हैं तो यहां शांति का जन्म होता है । संत ने कहा जीवन ऐसा हो जो खुद के साथ दूसरों के लिए भी कल्याणकारी बने । सरल और सहज जीवन ही सच्चा जीवन है । दुनिया की बातें सुनो, जो काम की है उन्हें जीवन में उतारो । जो व्यर्थ हैं उन्हें छोड़ दो । कर्म इतने श्रेष्ठ हो की मृत्यु भी हार जाए । जीवन धर्म मय हो, हर कार्य धर्म के अनुसार हो । प्रत्येक मानव को अपनी बुद्धि का प्रयोग कर धर्म को पहचान, सदाचार- दुराचार का भेद कर, संयम को अपनाकर जीवन को सुधारना चाहिए । प्रवक्ता बलदेव सोमपुरा ने बताया कि सत्संग के दौरान संत ने जब कोई नहीं गुरुदेव आते हैं ,मेरे दुख की घड़ी में वो याद आते हैं.. .. सहित भजन प्रस्तृत किये जिस पर भक्तजन झुमे। संत प्रसाद मुकेश सेवक परिवार का रहा। सत्संग में समिति अध्यक्ष सुधीर वाडेल, विनोद सेवक, विजय पंचाल ,बंसीलाल दर्जी ,नाथू परमार ,विष्णु भावसार, सुरेंद्र शर्मा,प्रेमलता सुथार, राजेश्वरी शर्मा , पुष्पा सेवक सहित रामस्नेही भक्त उपस्थित रहे।

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