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गुरू की शब्द रूपी वर्षा से अर्न्तरात्मा को शांति मिल जाती है- संत तिलकराम महाराज

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24 News Update सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। नगर के आसपुर मार्ग लोहारिया तालाब के सामने स्थित कान्हडदास धाम बड़ा रामद्वारा में चातुर्मास में शाहपुरा धाम के रामस्नेही संत तिलकराम ने सत्संग में बताया कि गुरु के शब्द रूपी वर्षा से अंर्तरात्मा को शांति मिल जाती है व राम- राम के सुमिरन से कंठ साफ हो जाता है ।
जो किसी के मार्ग में बाधक बनता व कल स्वयं की मार्ग में बाधा उत्पन्न करने की आधारशिला तैयार रखता संत ने कहा दूसरों के मार्ग में सहायक बने दूसरों के लिए प्रसन्नता दायक बने और दूसरों के जीवन में पूरक बने, यही तो मानवीयता की परिभाषा है । जब तक जीवन में त्याग नहीं होगा तपस्या नहीं होगी संयम नहीं होगा तब तक परमात्मा को प्राप्त नहीं कर सकते । संत ने कहा सच्ची भक्ति भजन और साधनों से नहीं बल्कि दया, प्रेम ,सद्भावना और करुणा से आती है । क्षमा और करुणा के बल पर ही नर से नारायण बना जा सकता है । आत्मा का उत्थान और मोक्ष की प्राप्ति भक्ति, धर्म और करुणा से ही संभव है । जीवन का वास्तविक उद्देश्य आत्मा को परमात्मा बनाना है । संत ने कहा जब कुछ प्राप्त नहीं होता तब व्यक्ति ईश्वर को याद करता है जब प्राप्त हो जाता है तो वह ईश्वर को भूल जाता है । भगवान का नाम ही संसार सागर से पार करता है । जैसे संसार में भोजन के लिए समय निकलते है वैसे ही भजन के लिए भी समय निकालना चाहिए,। जो व्यक्ति भगवान के नाम का आश्रय लेता है उसका लोग व परलोक दोनों सुधर जाता है । प्रवक्ता बलदेव सोमपुरा ने बताया कि शारदीय नवरात्रि पर संत तिलकराम के सानिध्य में अखंड राम नाम जप स्वामी रामचरणजी महाराज की तस्वीर की पूजा- अर्चना , अखण्ड दीप प्रज्ज्वलन व आरती के बाद प्रारंभ हुआ । हंसी -स्वर्गीय नाथूलाल परमार द्वारा दो गादी भेंट की गई । इस अवसर पर संरक्षक प्रभुलाल वाड़ेल, समिति अध्यक्ष सुधीर वाडेल, विष्णु दोसी, भारत शर्मा , जयंतीलाल मोची ,दामोदर दलाल ,दिनेश शर्मा, बाबूलाल सेवक, लालशंकर भावसार, विजय पंचाल, प्रहलाद भावसार, देवीलाल सोनी ,विष्णु भासरिया ,नाथू परमार, सुरेंद्र शर्मा के अतिरिक्त महिला सदस्य उपस्थित थे । संत प्रसाद मुकेश दलाल परिवार का रहा सत्संग में संगीता सोनी ,अनीता सुथार ,प्रेमलता भट्ट, भानू सेवक ,करुणा भट्ट, राधा पंचाल ,सुधा गुप्ता सहित रामस्नेही भक्त उपस्थित रहे।

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