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“द साइबर फोर्ट्रेस: सिक्योरिंग सिस्टम्स एंड नेटवर्क्स” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन

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24 News Update उदयपुर। जनार्दन राय नागर राजस्थान विद्यापीठ डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी के कंप्यूटर साइंस एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा “द साइबर फोर्ट्रेस: सिक्योरिंग सिस्टम्स एंड नेटवर्क्स” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम डिजिटल युग में साइबर सुरक्षा की बढ़ती चुनौतियों और उससे निपटने के उपायों पर केंद्रित था।
प्रारंभिक सत्र में प्रो. मंजू माण्डोत का स्वागत उद्बोधन
कार्यक्रम की शुरुआत विभागाध्यक्ष प्रोफेसर मंजू माण्डोत के स्वागत भाषण से हुई। उन्होंने सभी अतिथियों का परिचय कराया और डिजिटल इंडिया के दौर में साइबर सुरक्षा की अनिवार्यता पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा – “आज के युग में साइबर सुरक्षा सिर्फ तकनीकी जानकारों के लिए नहीं, बल्कि आम नागरिक के लिए भी आवश्यक हो गई है। व्यक्तिगत और संस्थागत डेटा की सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी बन चुकी है।”

प्रमुख वक्ताओं द्वारा विशेषज्ञ व्याख्यान
कार्यशाला में दो प्रमुख विशेषज्ञों – डॉ. अरुण वैष्णव और श्री बृजेश कुमार शर्मा – ने अपने विचार साझा किए। डॉ. अरुण वैष्णव ने नेटवर्क और सिस्टम सुरक्षा के मूल सिद्धांतों, सुरक्षा प्रोटोकॉल्स, एन्क्रिप्शन तकनीकों, और जोखिम प्रबंधन पर तकनीकी विवेचन किया। उन्होंने सुरक्षित डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के निर्माण की दिशा में छात्रों को जागरूक किया। वहीं, श्री बृजेश कुमार शर्मा ने साइबर अपराध के व्यवहारिक परिदृश्यों को उजागर करते हुए लाइव डेमो के माध्यम से हैकिंग के वास्तविक तरीके और उनसे बचाव की रणनीतियों को प्रस्तुत किया। उनके सत्र में छात्रों की गहन भागीदारी और जिज्ञासु संवाद देखने को मिला।

संकाय सदस्यों का महत्वपूर्ण योगदान
इस कार्यशाला को सफल बनाने में विभाग के संकाय सदस्य डॉ. प्रदीप सिंह शक्तावत, डॉ. भरत सुखवाल और डॉ. दिलीप चौधरी ने समन्वयक के रूप में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। कार्यक्रम के संचालन, व्यवस्थापन और तकनीकी समन्वय में इनकी सक्रिय भागीदारी सराहनीय रही। कार्यक्रम में मुकेश नाथ, दुर्गाशंकर, मनोज यादव, डॉ. रीना मेनारिया, त्रिभुवन सिंह बमनिया, चिराग दवे सहित अनेक शिक्षकगण एवं छात्र उपस्थित रहे। कार्यक्रम के समापन पर विभाग ने सभी अतिथियों, विशेषज्ञ वक्ताओं, समन्वयकों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए भविष्य में भी इस प्रकार के ज्ञानवर्धक और तकनीकी रूप से सशक्त कार्यशालाओं के आयोजन की प्रतिबद्धता दोहराई।

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