24 News update जयपुर। राजस्थान एसआई भर्ती 2021 में डमी कैंडिडेट से परीक्षा दिलवाकर चयनित होने वाली ट्रेनी एसआई मंजू विश्नोई को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। मंगलवार को जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस एन. नागेश्वर राव की खंडपीठ ने उन्हें जमानत दे दी।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता वेदांत शर्मा ने दलील दी कि मंजू विश्नोई पिछले 15 महीने से जेल में बंद हैं और अब तक आरोप तय नहीं हो पाए हैं। प्रकरण में कुल 110 आरोपी, 433 दस्तावेजी साक्ष्य और 122 गवाह हैं, ऐसे में ट्रायल लंबा चलने की संभावना है। इसी आधार पर कोर्ट ने उन्हें जमानत प्रदान की।
डमी कैंडिडेट से दिलवाई थी अपनी और बहन की परीक्षा
एसआईटी ने 3 अप्रैल 2024 को मंजू विश्नोई को गिरफ्तार किया था। उस पर आरोप है कि उसने अपनी और अपनी बहन संतोष विश्नोई की जगह डमी परीक्षार्थी छम्मी को परीक्षा में बैठाया था। दोनों बहनें अब तक जेल में थीं। एसआईटी रिपोर्ट के अनुसार, एसआई भर्ती में पांच महिला ट्रेनी एसआई ने डमी कैंडिडेट से परीक्षा दिलवाई थी। इनमें मंजू, संतोष, भगवती, इंदूबाला और हरकू शामिल हैं। इनमें भगवती विश्नोई को पूर्व में ही जमानत मिल चुकी है।
फर्जी डिग्री प्रकरण में भी सुप्रीम कोर्ट से पहली जमानत
प्रदेश में चर्चित फर्जी डिग्री प्रकरण में भी सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को पहली बार जमानत दी। आरोपी प्रमजीत सिंह और मनदीप सिंह को जमानत दी गई है।
प्रमजीत सिंह, प्रकरण के मुख्य आरोपी सुभाष पूनिया का पुत्र है। उस पर आरोप है कि फर्जी डिग्री बनाने का पैसा उसके खाते में आता था। हाईकोर्ट ने फरवरी में उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी। वहीं, मनदीप सिंह पर आरोप है कि उसने अपनी पत्नी सुमन के लिए सुभाष पूनिया के जरिए फर्जी डिग्री बनवाई और इसकी एवज में प्रमजीत के खाते में पैसे जमा कराए थे। मनदीप की पत्नी सुमन भी अभी जेल में है।

