Site icon 24 News Update

शिव कृष्ण का आंतरिक मौन है-साध्वी सरस्वती

Advertisements

24 News Update सागवाड़ा (जयदीप जोशी)। सलुम्बर के निकट्वर्ती अघोर पशुपति पीठ धोलागढ़ में आयोजित 45 दिवसीय श्रावण कुंभ महोत्सव के आठवें दिन अति रुद्र महायज्ञ एवं सहस्त्र चंडी महायज्ञ में 51 विप्रवारो द्वारा स्वहाकार मंत्र द्वारा आहुति दी गई। आयोजन के दौरान शिव महापुराण महात्म कथा के तीसरे दिन व्यास पीठ से साध्वी सरस्वती दीदी ने शिव सती विवाह ,शिव तांडव, रावण की शिव भक्ति तथा कृष्ण एवं शिव के मिलन की भागवत चर्चा कर कहा जैसे सफेद धूप में सभी रंग मौजूद हैं, वैसे ही सभी देवदूत आपके उच्च स्व में मौजूद हैं। आनंद उनकी सांस है, वैराग्य उनका निवास है। वह चेतना जो आनंद, मासूमियत, सर्वव्यापी और वैराग्य प्रदान करने वाली है, शिव हैं। कृष्ण शिव की बाहरी अभिव्यक्ति हैं। और शिव कृष्ण का आंतरिक मौन हैं यदि जीवन में कर्म और धर्म का इसी तरह से सामंजस्य होगा तो आप सांसारिक जीवन जीते हुए भी अपने आप भक्ति मय बनाते हुए तार सकते हैं। कथा में दीदी के भजन स्वर लहरी से लोग आनंदित हो गए तथा भक्ति भरे माहौल में झूमने को मजबूर हो रहे हैं। इस अवसर पर योगी प्रकाशनाथ महाराज ने बताया कि यह महाकुंभ 45 दिवस तक अनवरत कथाओं ,भजन संध्या, अति रुद्र ,सहस्त्र चंडी एवं प्रतिदिन 1 लाख पार्थिवेश्वर शिवलिंग पूजन के अद्भुत संयोग से पुरीपूर्ण है तथा भक्तों के लिए यहां पर त्रियुगी नारायण से लाई हुई शिव पार्वती विवाह की अग्नि से प्रज्वलित धूनी है जिसके दर्शन मात्र से सावन का पूर्ण पुण्य प्राप्त होता है। फोटो-17 एसएजी 3। शिव कथा के दौरान कथा करती साध्वी व झूमे भक्तजन। जयदीप जोशी

Exit mobile version