24 News Update झुंझुनूं. जिले के मेहरादासी (मंडावा) गांव के एयरफोर्स जवान सुरेंद्र कुमार पाकिस्तान के हवाई हमले में शहीद हो गए। शुक्रवार रात जम्मू-कश्मीर के मोगा (उधमपुर) में हुए इस हमले में सुरेंद्र कुमार की वीरगति हुई। वे भारतीय वायुसेना की 39 विंग, उधमपुर में मेडिकल असिस्टेंट सार्जेंट के पद पर तैनात थे। उनकी शहादत की खबर से गांव में शोक की लहर है।
परिवार का इकलौता बेटा, पीछे छोड़ा पत्नी और दो मासूम बच्चे
सुरेंद्र कुमार अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थे। वे 14 साल से भारतीय वायुसेना की मेडिकल विंग में सेवा दे रहे थे। उनके परिवार में पत्नी सीमा, 8 साल की बेटी और 5 साल का बेटा है। उनके पिता शिशुपाल सिंह सीआरपीएफ से सेवानिवृत्त थे और उनका निधन हो चुका है।
पत्नी की तबीयत बिगड़ी, अस्पताल में भर्ती
सुरेंद्र की शहादत की खबर मिलते ही उनकी पत्नी सीमा की तबीयत बिगड़ गई। उन्हें झुंझुनूं के नवलगढ़ के सरकारी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिला कलेक्टर राम अवतार मीणा और एसपी शरद चौधरी अस्पताल पहुंचे और सीमा की सेहत की जानकारी लेते हुए डॉक्टरों को विशेष निर्देश दिए।
छुट्टियों के बाद हाल ही में लौटे थे ड्यूटी पर
सुरेंद्र कुमार करीब एक महीने पहले छुट्टियों पर अपने गांव आए थे। इस दौरान उन्होंने हाल ही में बने अपने नए मकान का गृह प्रवेश भी किया था। 15 अप्रैल को वे परिवार के साथ ड्यूटी पर उधमपुर लौटे थे। सुरेंद्र के चाचा सुभाष मोगा ने बताया कि सुरेंद्र बेहद मिलनसार और देशभक्त व्यक्ति थे। वे गांव के युवाओं को फौज में भर्ती होने के लिए प्रेरित करते थे और उन्हें तैयारी के टिप्स देते थे। उनके शहीद होने की सूचना उनके जीजा जयप्रकाश को सेना मुख्यालय से फोन पर मिली।
शहादत का सम्मान और वीरांगना के लिए प्रशासन की पहल
जिला प्रशासन ने वीरांगना सीमा की सेहत का विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर राम अवतार मीणा ने कहा कि सुरेंद्र का बलिदान देश कभी नहीं भूलेगा और उनका परिवार हमेशा सम्मान के योग्य रहेगा। शहीद सुरेंद्र कुमार का पार्थिव शरीर कब गांव पहुंचेगा, इस पर अभी कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। लेकिन पूरे गांव में शोक की लहर है और हर कोई अपने इस बहादुर सपूत को नमन कर रहा है।
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