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लोक परिवहन बसों को परमिट देने के निर्णय के खिलाफ रोडवेज कर्मियों का प्रदर्शन, सरकार पर निजीकरण बढ़ाने का आरोप

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24 News Update उदयपुर। राजस्थान सरकार द्वारा लोक परिवहन बसों को परमिट देने के निर्णय के खिलाफ शुक्रवार को उदयपुर रोडवेज बस स्टैंड पर जोरदार प्रदर्शन हुआ। राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन (सीटू संबद्ध) और ठेला व्यवसाय मजदूर यूनियन (सीटू संबद्ध) ने संयुक्त रूप से प्रदर्शन कर इस फैसले को जनविरोधी और सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को कमजोर करने वाला बताया।
इस मौके पर राजस्थान रोडवेज वर्कर्स यूनियन के राज्य उपमहासचिव श्योदाना राम शेषमा ने कहा कि “राजस्थान रोडवेज के पास एक समय 5000 से अधिक बसें थीं, लेकिन अब मात्र 2700 बसें ही बची हैं। सरकार इन बसों को भी बंद कर निजी परिवहन को बढ़ावा देकर आम जनता की जेब काटने का रास्ता तैयार कर रही है।” उन्होंने चेतावनी दी कि यूनियन पूरे राजस्थान में इस फैसले का विरोध करेगी और जनता को इसके खिलाफ लामबंद किया जाएगा।
सीटू के जिला उपाध्यक्ष राव गुमान सिंह ने सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि “भाजपा सरकार सत्ता में आने से पहले रोडवेज को मजबूत करने की बात कर रही थी, लेकिन अब सार्वजनिक संसाधनों को निजी हाथों में सौंप कर अपने ही वादों से पीछे हट रही है। यह सरकार की जनविरोधी मानसिकता को दर्शाता है।” वहीं ठेला व्यवसायी मजदूर यूनियन के अध्यक्ष मोहम्मद निजाम ने कहा कि “सरकार का कर्तव्य है कि वह नागरिकों को सस्ती और सुलभ परिवहन सेवा दे। लेकिन वर्तमान में परिवहन व्यवस्था को निजी हाथों में देकर आमजन को महंगी सेवाओं के हवाले किया जा रहा है।” उन्होंने सरकार से मांग की कि रोडवेज में तत्काल नई बसें खरीदी जाएं और विभाग में भर्ती कर बेरोजगार युवाओं को रोजगार दिया जाए। प्रदर्शन के दौरान कर्मचारियों और मजदूरों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए कहा कि यदि सरकार ने लोक परिवहन बसों को परमिट देने का फैसला वापस नहीं लिया, तो आर-पार का संघर्ष छेड़ा जाएगा और रोडवेज कर्मचारी इसके खिलाफ व्यापक आंदोलन करेंगे।

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